Politics: जितिन प्रसाद के बाद अब विधायक अदिति सिंह और मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन?

Politics: जितिन प्रसाद के बाद अब विधायक अदिति सिंह और मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस की बढ़ाई टेंशन?

लखनऊ/मुंबई। कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने के बाद सियासी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह ने भी इस पर टिप्पणी की है। उन्हें इस पर पार्टी आलाकमान को आत्ममंथन तक की सलाह दे डाली है। आने वाले समय में वह तय करेंगी कि उन्हें किस पार्टी से चुनाव लड़ना है। अदिति सिंह ने कहा कि जितिन प्रसाद का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए समस्या है। बड़े नेताओं को यूपी में जमीन पर काम करने की जरूरत है। आखिर बड़े नेता पार्टी क्यों छोड़ रहे हैं? उत्तर प्रदेश की सियासत में जमीन पर कांग्रेस को काम करने की जरूरत है। मैं सच और साफ बोलती हूं। मेरी बात अगर किसी को बुरा लगती है तो इसका कुछ नहीं कर सकते। मैं प्रियंका गांधी पर कोई टिप्पणी नहीं करती लेकिन उन्हें खुद देखने की जरूरत है। अदिति सिंह ने कहा कि ये कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान है।
मिलिंद देवड़ा ने गुजरात सरकार की तारीफ की
जितिन प्रसाद के BJP में जाने से एक बार फिर से कांग्रेस में कई युवा नेताओं की नाराजगी और पाला बदलने की अटकलों को हवा मिल गई है। सचिन पायलट और मिलिंद देवड़ा ऐसे नेताओं में शामिल हैं जिनकी नाराजगी की चर्चा इन दिनों हो रही है। मिलिंद देवड़ा ने गुजरात सरकार के कामकाज की तारीफ कर कांग्रेस की चिंता और बढ़ा दी है। कोरोना की वजह से पिछले एक साल से गुजरात में होटल इंडस्‍ट्री, रेस्‍टोरेंट, रिजार्ट और वॉटर पार्क बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। आर्थिक नुकसान को देखते हुए मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका पिछले एक साल का प्रॉपर्टी टैक्‍स और बिजली बिल माफ करने का फैसला लिया है।

काश मेरे मित्र साथ होते…कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह खबर शेयर करते हुए गुजरात सरकार की तारीफ की है। उन्‍होंने लिखा है- ‘दूसरे राज्‍यों के अनुकरण के लिए एक स्वागत योग्य कदम। यदि हम भारत के आतिथ्य क्षेत्र में और नौकरियों के नुकसान को रोकना चाहते हैं तो सभी राज्यों को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।’ मिलिंद देवड़ा ने अपने पूर्व सहयोगी जितिन प्रसाद के बीजेपी में जाने पर भी प्रतिक्रिया जताई है। उन्‍होंने ट्विटर पर लिखा है- ‘मेरा मानना है कि कांग्रेस को अपनी पुरानी स्थिति पाने के लिए प्रयास करना चाहिए। देश की बड़ी पार्टी के तौर पर वह यह कर सकती है और करना ही चाहिए। हमारे पास अब भी ऐसे नेता हैं जिन्हें अगर सशक्त किया जाए और बेहतरीन ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो वे नतीजे दे सकते हैं। मैं सिर्फ यह चाहता हूं कि काश मेरे कई मित्रों, सम्मानित साथियों और मूल्यवान सहयोगियों ने हमारा साथ नहीं छोड़ा होता।

 

 

 

Exit mobile version