मनसे के अध्यक्ष और कला प्रेमी राज ठाकरे आज जहांगीर आर्ट गैलरी में चित्र प्रदर्शनी के लिए गए। वहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार की आलोचना की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि कोई भी सरकार हमारे देश के कलाकारों की कद्र नहीं करती है।
राज ठाकरे ने कहा कि हमारे देश में बहुत से लोग कलाकारों और कला को महत्व नहीं देते हैं, सरकारें मूल्य नहीं देती हैं। यदि यह रवि परांजपे वास्तव में फ्रांस में होते, तो उनके चित्रों का क्या मूल्य होता यदि वे इंग्लैंड में होते? इसे कैसे प्रस्तुत किया जाता है? इसके बारे में सोचना भी बेहतर नहीं है|
“मैंने इस बारे में बात की है कि प्रदर्शनी कहाँ आयोजित की जानी चाहिए, इसे कैसे आयोजित किया जाना चाहिए। जिस किसी को भी चित्रकला का ज्ञान है, उसे स्वयं आकर इस प्रदर्शनी को देखना चाहिए। जो छोटे हैं वे अपने माता-पिता को लेकर आएं।” उन्होंने यह भी अपील की।
राज ठाकरे ने कहा की पत्रकारों ने फिल्मों के प्रदर्शन के लिए देश में प्रदर्शनी केंद्रों की कमी का मुद्दा उठाया। इस पर राज ठाकरे ने कहा, ”प्रदर्शनी के लिए जमीन की कोई कमी नहीं है| इच्छाशक्ति का अभाव होता है। यदि प्रदर्शनी स्थल स्थापित किए जाते हैं तो सरकार के लिए यह आसान होता है। इससे कई लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर का काम किया जा सकता है। हमारे पास बहुत से महान चित्रकार और मूर्तिकार हैं। उन्हें केवल प्रोत्साहन की जरूरत है।
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