गुजरात सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने रविवार (13 अप्रैल) को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रामक और आधारहीन जानकारी फैलाने का गंभीर आरोप लगाकर तीखा हमला बोला। राज्य के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “मैंने कभी ऐसे नकली और धोखेबाज नेताओं को नहीं देखा।”
उन्होंने कहा, “गुजरात बोर्ड के परिणाम अभी तक जारी भी नहीं हुए हैं, लेकिन अखिलेश यादव और उनके सहयोगी अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया पर फर्जी परिणाम प्रसारित कर रहे हैं। यह जनता को गुमराह करने और धारणाओं में हेरफेर करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है। इन नेताओं को अपनी गंदी राजनीति में मासूम बच्चों को शामिल करने का कोई अधिकार नहीं है।”
मामला तब गरमाया जब विपक्षी नेताओं ने एक पुरानी मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए गुजरात के स्कूलों की शैक्षणिक स्थिति पर सवाल उठाए। अखिलेश यादव ने पोस्ट करते हुए लिखा, “गुजरात बोर्ड के नतीजे: 157 स्कूलों में शून्य छात्र कक्षा 10 पास हुए। गुजरात मॉडल विफल हो गया है… गुजरात के 157 स्कूलों में एक भी छात्र 10वीं बोर्ड परीक्षा पास नहीं कर पाया। हम भाजपा को हटाएंगे और भविष्य को बचाएंगे।”
इसी रिपोर्ट को आगे बढ़ाते हुए अरविंद केजरीवाल ने दावा किया, “यह गुजरात मॉडल है। यह भाजपा मॉडल है, जिसे वे पूरे देश में लागू करना चाहते हैं। यह डबल इंजन मॉडल है। वे देश को अनपढ़ रखना चाहते हैं। मुझे एक भी राज्य बताइए, जहां भाजपा की सरकार हो और उसने शिक्षा को बर्बाद न किया हो। इस मॉडल के तहत, वे अब दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं।”
हालांकि सोशल मीडिया पर सतर्क यूज़र्स ने तुरंत इस दावे को गलत और भ्रामक बताया। उन्होंने साफ किया कि गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के 10वीं कक्षा के परिणाम अभी घोषित नहीं किए हैं, और ये परिणाम मई माह में आने की संभावना है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने भी नाराजगी जताई और कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, “जनता – खास तौर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को ऐसी फर्जी खबरों से सावधान रहना चाहिए और केवल आधिकारिक घोषणाओं पर ही भरोसा करना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “सोशल मीडिया पर फर्जी बोर्ड परिणाम पोस्ट करके छात्रों को धोखा देने के लिए असामाजिक और असफल नेताओं द्वारा एक घृणित प्रयास किया जा रहा है। बच्चों को अपने राजनीतिक खेल में न घसीटें। उनके भविष्य के साथ जुआ न खेलें।”
गुजरात के मंत्रियों की इस तीखी प्रतिक्रिया ने विपक्षी नेताओं की ओर से की गई टिप्पणियों को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेज़ी से ट्रेंड कर रहा है, जहां कई यूज़र्स नेताओं से तथ्यों की पुष्टि करने और बच्चों की शिक्षा को राजनीतिक हथियार न बनाने की अपील कर रहे हैं।
बता दें की यह कोई पहली बार नहीं है की दोनों नेताओं द्वारा भ्रामक जानकारी का फैलाव हुआ है। दिल्ली चुनावों के दरम्यान अरविंद केजरीवाल द्वारा हरियाणा सरकार पर यमुना ज़हर घोलने का तथ्यरहित और भ्रामक आरोप लगाया गया था, जिस पर उनकी चौतरफा निंदा हुई। वहीं अखिलेश यादव भी कई बार वीडिओ काट कर फैलाने को लेकर आलोचकों के निशाने पर रहें है।
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