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Sunday, December 7, 2025
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अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट कुछ घंटों के लिए सस्पेंड, सपा ने भाजपा पर लगाया ‘लोकतंत्र दबाने’ का आरोप!

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समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आधिकारिक फेसबुक अकाउंट शुक्रवार शाम अचानक निलंबित कर दिया गया, जिससे पार्टी में हड़कंप मच गया। करीब 8 मिलियन फॉलोअर्स वाले इस वेरिफाइड अकाउंट को शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे बंद किया गया था, जिसे शनिवार सुबह बहाल कर दिया गया।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक ने यह कार्रवाई कथित रूप से “आपत्तिजनक पोस्ट” साझा किए जाने के आरोप में की थी। अखिलेश यादव का यह पेज नियमित रूप से उनके राजनीतिक बयानों, भाजपा सरकार की नीतियों पर आलोचनाओं और चुनावी अभियानों से जुड़ी पोस्ट साझा करता है। हालांकि, शुक्रवार को यह अकाउंट बिना किसी पूर्व चेतावनी के अचानक बंद कर दिया गया।

इसके बाद सपा की आईटी टीम ने मेटा से आधिकारिक माध्यमों के ज़रिए संपर्क किया और फेसबुक इंडिया टीम को इस संबंध में जानकारी दी। करीब 12 घंटे के भीतर अकाउंट को पुनः सक्रिय कर दिया गया और सभी पुराने पोस्ट, तस्वीरें व वीडियो फिर से दिखाई देने लगे।

हालांकि फेसबुक (Meta) की ओर से अभी तक कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है, लेकिन समाजवादी पार्टी नेताओं ने इसे राजनीतिक साज़िश करार दिया है। सपा के सांसद और घोसी से सांसद राजीव राय ने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,“देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के नेता, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी का फेसबुक अकाउंट ब्लॉक किया जाना निंदनीय है और भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आघात है। अगर यह कार्रवाई सत्ता पक्ष के इशारे पर की गई है तो यह कायरता का परिचायक है। समाजवादियों की आवाज़ दबाना भूल है।”

वहीं, सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा,“यह लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है, जहां हर विरोधी आवाज़ को दबाया जा रहा है। लेकिन समाजवादी पार्टी जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।”

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार की किसी भी भूमिका से इनकार किया। उन्होंने कहा,“यह कार्रवाई फेसबुक ने की है, सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं है। उनके अकाउंट से एक आपत्तिजनक पोस्ट किया गया था, जिसके चलते फेसबुक ने अपनी नीतियों के अनुसार यह कदम उठाया।”

इस घटना ने सोशल मीडिया पर राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया है। सपा नेताओं का कहना है कि यह डिजिटल सेंसरशिप का उदाहरण है, वहीं भाजपा इसे फेसबुक की स्वतंत्र नीति के तहत उठाया गया तकनीकी कदम बता रही है।

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