बांग्लादेश मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक, भारत में विपक्षी दलों की क्या है भूमिका?

बांग्लादेश में उनके 15 साल के शासन का अचानक अंत हो गया है और सेना प्रमुख ने जल्द ही कार्यवाहक सरकार के गठन की घोषणा की है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, गुंडों ने ढाका की ओर मार्च किया और प्रधानमंत्री के आवास पर हमला किया।

बांग्लादेश मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक, भारत में विपक्षी दलों की क्या है भूमिका?

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पिछले कुछ दिनों से चल रहे छात्र आंदोलन के बेहद गर्म होने के बाद शेख हसीना ने सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भाग गईं|इससे बांग्लादेश में उनके 15 साल के शासन का अचानक अंत हो गया है और सेना प्रमुख ने जल्द ही कार्यवाहक सरकार के गठन की घोषणा की है। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद, गुंडों ने ढाका की ओर मार्च किया और प्रधानमंत्री के आवास पर हमला किया।

इस बीच शेख हसीना के इस्तीफे से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है, जो अब भारत की शरण में आ गया है| भारत उनके मामले में जल्द ही फैसला लेगा|उसके लिए आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है| इसलिए यह देखना जरूरी है कि बांग्लादेश में मचे बवाल पर भारत में क्या समाधान निकाला जा रहा है|

आज की सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारतीय सेना से सतर्क रहने की अपील की है| भारत सरकार द्वारा वेट एंड वॉच की भूमिका को स्वीकार किया गया है।जयशंकर ने बांग्लादेश में विकास के भारत पर पड़ने वाले सभी संभावित प्रभावों पर टिप्पणी की। बताया जाता है कि उन्होंने सर्वदलीय बैठक में इस बात पर भी चर्चा की कि बाहरी हस्तक्षेप की स्थिति में भारत की क्या रणनीति होगी।

केंद्रीय मंत्री ने आज सुबह संसद भवन में मिले नेताओं को बताया कि भारत सरकार बांग्लादेश सेना के संपर्क में है और भारतीय सेना को अलर्ट कर दिया है| उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, “हमारे देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम चल रहा है।” इसके अलावा, एक्स पर पोस्ट करते समय एस. जयशंकर ने कहा, ”विदेश मंत्री सर्वसम्मत समर्थन और समर्थन के लिए सभी की सराहना करते हैं।” बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और भारत में शरण ले ली है। इसके बाद भारत में भी इसे लेकर तरह-तरह की राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं| बांग्लादेश के हालात पर ठाकरे ग्रुप के सांसद संजय राउत ने भी टिप्पणी की है|

बांग्लादेश में राजनीतिक भूचाल आ गया है और शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है|इतना ही नहीं, बल्कि उन्हें देश छोड़ना पड़ा, इसलिए इन घटनाक्रमों की चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है।दुनिया भर के देश अब यहां की अराजक स्थिति पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।इस बीच, बांग्लादेश की स्थिति को लेकर अमेरिका ने भी अपनी स्थिति स्पष्ट की है|शेख हसीना ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे उनका 15 साल का शासन समाप्त हो गया है। इस बीच, सेना प्रमुख जनरल वक़र-उज़-ज़मान ने कहा कि बांग्लादेश से भागने के बाद उनकी कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया को तुरंत जेल से रिहा करना एक सर्वसम्मत निर्णय था।

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है|प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद से इस्तीफा दे दिया है और शरण के लिए भारत आ गई हैं|आरक्षण के मुद्दे पर बांग्लादेशियों के बीच स्थिति खराब होने के बाद ये घटनाक्रम हुआ। इसलिए भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आशंका जताई है कि बांग्लादेश में रहने वाले करीब 1 करोड़ हिंदू शरणार्थी भारत आ जाएंगे|

बांग्लादेश में पिछले महीने से सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है| शनिवार को आंदोलन तेज हो गया और हिंसक हो गया| रविवार को सत्तारूढ़ अवामी लीग के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसा में 14 पुलिसकर्मियों सहित 100 से अधिक लोग मारे गए। कुछ मीडिया ने मरने वालों की संख्या 300 से अधिक होने का दावा किया है।

इन दंगों के बाद सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया| सोमवार को हसीना के विरोधियों ने प्रदर्शनकारियों के साथ ढाका में बड़ा मार्च निकालने का ऐलान किया था| इसके बाद तेजी से घटनाक्रम बदला और हसीना ने सोमवार सुबह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वह सेना के विमान से देश छोड़कर भारत आ गयीं |

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