सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक में सीबीआई एंट्री को किया बैन!

हाईकोर्ट ने इस मामले पर आदेश देते हुए कहा था कि जरूरी नहीं कि जिन पर आरोप है, वो गलत हो, लेकिन जांच होनी चाहिए| वर्तमान में जांच प्री-मैच्योर स्टेज (शुरुआती दौर) में है|

सिद्धारमैया सरकार ने कर्नाटक में सीबीआई एंट्री को किया बैन!

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कर्नाटक में कथित भूमि घोटाले के बीच सिद्धारमैया सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) की एंट्री पर राज्य में बैन लगाने का फैसला किया है|कर्नाटक की कैबिनेट ने इस संबंध में प्रस्ताव भी पास किया है|सीबीआई की एंट्री पर बैन को सिद्धारमैया सरकार के मास्टर प्लान के तौर पर देखा जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री खुद इस केस में आरोपी हैं|

कर्नाटक सरकार ने बिना परमिशन सीबीआई की एंट्री पर बैन लगा दी है|यानी सीबीआई अगर किसी मामले में जांच करना चाहती है तो उसे राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी|यह इसलिए किया गया है, क्योंकि सीबीआई का गठन दिल्ली अधिनियम के मद्देनजर है|

सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले के बाद 3 सवाल उठ रहे हैं|पहला, क्या मुडा स्कैम में अब सीबीआई की एंट्री नहीं हो पाएगी? दूसरा, क्या ईडी इस केस की जांच कर सकती है और तीसरा क्या मुडा स्कैम में अब आगे क्या होगा? इस फैसले के बाद सीबीआई अब सीधे तौर पर कर्नाटक में एंट्री नहीं कर सकती है|हालांकि, किसी स्पेशल केस में हाई कोर्ट का परमिशन अगर होता है तो सीबीआई जांच के लिए कर्नाटक जा सकती है|

रिपोर्ट के मुताबिक केस में सिद्धारमैया को मुख्य आरोपी बनाया जा सकता है| हालांकि, इस मामले में जांच के लिए राज्यपाल को आवेदन देने वाले याचिकार्ताओं का कहना है कि लोकायुक्त ठीक ढंग से जांच नहीं कर रही है|

फिलहाल, कुछ भी कहना मुश्किल है| हाईकोर्ट ने इस मामले पर आदेश देते हुए कहा था कि जरूरी नहीं कि जिन पर आरोप है, वो गलत हो, लेकिन जांच होनी चाहिए| वर्तमान में जांच प्री-मैच्योर स्टेज (शुरुआती दौर) में है| सिद्धारमैया ने कहा है कि मैं राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूं| मैं इस मामले में बेकसूर हूं और राजनीतिक साजिश के तहत मुझे फंसाने की कोशिश हो रही है|

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) ने साल 2020 में एक स्कीम की शुरुआत की थी| इसके तहत जिन लोगों की जमीन विकास के काम के लिए लिया गया था, उन्हें 50-50 पॉलिसी के तहत शहर में जमीन और मुआवजा देने की बात कही गई थी| काफी आलोचना के बाद 2023 में इस स्कीम को रद्द कर दिया गया|

आरोप है कि सिद्धारमैया की पत्नी ने गलत तरीके से इस स्कीम का लाभ लिया| उन पर करीब 55 करोड़ रुपए का लाभ लेने का आरोप है| भाजपा इसे मुद्दा बनाकर जांच की मांग कर रही है| पार्टी का कहना है कि सिद्धारमैया की वजह से ही यह खेल हुआ, इसलिए वे भी आरोपी हैं|

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