उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले ‘इंडी गठबंधन’ के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुलाकात पर सियासी बवाल मच गया है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुलाकात की तस्वीर साझा कर रेड्डी की ईमानदारी पर सवाल खड़े किए हैं।
अमित मालवीय ने सोमवार(8 सितंबर) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और इंडी गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की, जो संसद सदस्य भी नहीं हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका कोई वोट नहीं है। यह न केवल एक भयावह दृश्य है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद की आकांक्षा रखने वाले व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बयान है। इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात है “आम संदिग्धों” – सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के स्वयंभू संरक्षकों की चुप्पी। उनका पाखंड उजागर हो गया है।”
B. Sudarshan Reddy, former Supreme Court judge and INDI Alliance’s joint candidate, recently met fodder scam convict Lalu Prasad, who isn’t even a Member of Parliament and has no vote in the VP electoral college.
This isn’t just terrible optics, it’s a shocking statement on… pic.twitter.com/IC2CMmhtoN
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 8, 2025
मालवीय ने आगे कहा कि इस मामले में रिटायर्ड जजों और संवैधानिक नैतिकता के तथाकथित रक्षकों की चुप्पी उनकी पाखंडी सोच को उजागर करती है।
चुनाव आयोग के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सात नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे, लेकिन अधिकांश आवश्यक दस्तावेजों की कमी के चलते खारिज हो गए। अब मुकाबला सीधा ‘इंडी गठबंधन’ के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी और एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के बीच है। मतदान 9 सितंबर को होगा और नतीजे भी उसी दिन घोषित किए जाएंगे।
बी. सुदर्शन रेड्डी का कानूनी करियर लंबा और प्रतिष्ठित रहा है। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीश, गुवाहाटी हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है। रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के रंगारेड्डी जिले के आकुला मायलावरम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। हैदराबाद में पढ़ाई के बाद उन्होंने 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री हासिल की।
उपराष्ट्रपति चुनाव में अब इस मुलाकात ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है। भाजपा इस मुद्दे को विपक्ष के खिलाफ हथियार बना रही है, जबकि ‘इंडी गठबंधन’ इस पर चुप्पी साधे हुए है।
यह भी पढ़ें:
मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर भारत का बेल्जियम को भरोसा!
हीरो एशिया कप राजगीर 2025: भारत ने कोरिया को हराकर जीता खिताब!
जम्मू-कश्मीर: एक आतंकवादी ढेर, दो से तीन आतंकवादी और भी छिपे हो सकते हैं!



