आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू एक प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को ही नगर निगम और पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाएगी। उनका यह बयान राज्य विधानसभा द्वारा तीन दशक पुराने कानून को निरस्त करने के कुछ महीने बाद आया है जिसके तहत दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था।
चंद्रबाबू नायडू पिछले एक दशक से कह रहे थे कि बढ़ती उम्र की समस्या से निपटने के लिए तेलुगु लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए। पिछले वर्ष उन्होंने दो से अधिक बच्चों वाले परिवारों को प्रोत्साहन देने की बात कही थी, जिसमें उन्होंने दो से अधिक बच्चों के परिवार को सब्सिडी से चावल देने की बात की थी।
नायडू ने मंगलवार(16 जनवरी) को तिरुपति के पास अपने गांव नरवरिपली में अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ संक्रांति मनाते हुए कहा, “हमारे पास पहले एक कानून था, जिसके तहत दो से अधिक बच्चे होने पर लोग स्थानीय निकाय और नगर निकाय चुनाव लड़ नहीं सकते थे।” उन्होंने कहा, “अब मैं कहता हूं कि कम बच्चों वाले लोगों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भविष्य में, आप सरपंच, नगर पार्षद या महापौर तभी बन पाएंगे, जब आपके दो से अधिक बच्चे होंगे। मैं इसे (प्रस्तावित नियमों में) शामिल करने जा रहा हूं,”
दअरसल दो बच्चों की निती का पालन दक्षिण के सभी राज्यों ने किया है, जिस कारण दक्षिणी राज्यों में कुल प्रजनन दर अब 1.73 है। यह राष्ट्रिय औसत प्रजनन दर 2.1 से कम है। वहीं उत्तरी राज्यों में प्रजनन दर 2.4 है जो राष्ट्रिय औसत से अधिक है। नायडू ने कहा कि वे अधिक बच्चों वाले परिवारों को प्रोत्साहित करने जा रहे हैं, जिसमें उन्हें पंचायत और नगरपालिका चुनावों में चुनाव लड़ने की अनुमति देना शामिल है।
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उन्होंने कहा कि वे अधिक बच्चों वाले परिवारों को अधिक सब्सिडी वाला चावल उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहे हैं। वर्तमान में प्रति परिवार 25 किलोग्राम सब्सिडी वाला चावल दिया जाता है, जिसमें प्रत्येक सदस्य को 5 किलोग्राम चावल मिलता है। उन्होंने कहा है कि जापान, कोरिया और कई यूरोपीय देशों ने परिवार नियोजन नीति को प्रोत्साहित किया है, क्योंकि वहां कुल प्रजनन दर बहुत कम है। ये देश आज बढ़ती उम्र की आबादी की चिंताओं से जूझ रहे हैं और भारतीयों को अपने देशों में जाने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू ने गिरते प्रजनन दर को भारत के भविष्य के लिए चेतावनी कहा है। मुख्यमंत्री नायडू के अनुसार, कुछ वर्षों बाद, भारत को भी बढ़ती उम्र की आबादी की चिंताओं का सामना करना पड़ेगा और उस समय हमारे पास करने के लिए बहुत कम काम बचेगा।