अरविंद केजरीवाल नशे के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा है, अगले चरण में बड़े सप्लायर्स पर वार किया जाएगा।

कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी की सरकारों ने पंजाब को 'उड़ता पंजाब' बना दिया था, लेकिन अब लोग 'बदलता पंजाब' बना रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल नशे के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा है, अगले चरण में बड़े सप्लायर्स पर वार किया जाएगा।

Arvind Kejriwal: A massive war has been launched against drugs, in the next phase big suppliers will be attacked.

पंजाब में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा नशे के खिलाफ बड़े अभियान का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव से पहले पंजाब को ‘नशा मुक्त’ बनाने का वादा किया था, लेकिन राज्य में ड्रग्स की समस्या अब भी गंभीर बनी हुई है।

पंजाब पुलिस के डीजीपी ने दावा किया है कि 1 मार्च 2025 से अब तक 2248 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 4,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि गली-मोहल्लों से लेकर शहरों तक नशे की सप्लाई चेन को खत्म करने के लिए नई रणनीति बनाई गई है।

अरविंद केजरीवाल ने इस पोस्ट को साझा करते हुए लिखा, “पंजाब में हमारी सरकार ने नशे के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है। अब अगले चरण में बड़े सप्लायर्स पर वार किया जाएगा। कोई भी ड्रग विक्रेता या सप्लायर बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी की सरकारों ने पंजाब को ‘उड़ता पंजाब’ बना दिया था, लेकिन अब लोग ‘बदलता पंजाब’ बना रहे हैं।”

लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि यह केवल दिखावटी आंकड़े हैं, क्योंकि पंजाब में नशे की समस्या जड़ से खत्म नहीं हुई है।

AAP सरकार के दावों के बावजूद, पंजाब के शैक्षणिक संस्थानों में नशे की स्थिति भयावह होती जा रही है। कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में ड्रग्स और अन्य नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। युवा पीढ़ी नशे की लत में फंस रही है, जिससे उनके करियर और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। राज्य सरकार इस संकट को नियंत्रित करने में विफल रही है।

हाल ही में अमृतसर पुलिस ने सीमा पार से संचालित एक ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ किया, जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक महिला भी शामिल थी। पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि यह गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हेरोइन मंगवाता था। हालांकि, यह कोई नई घटना नहीं है—पंजाब में ड्रोन से ड्रग्स की तस्करी लंबे समय से जारी है, लेकिन सरकार इसे पूरी तरह रोकने में नाकाम रही है।

कांग्रेस और अकाली दल ने AAP सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन जमीन पर कोई ठोस नतीजे नहीं दिख रहे हैं। अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा, “भगवंत मान सरकार सिर्फ घोषणाएं कर रही है, लेकिन पंजाब में ड्रग्स की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। विश्वविद्यालयों तक में खुलेआम नशे की बिक्री हो रही है, क्या यही है AAP का नशा मुक्त पंजाब?”

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कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी सरकार को घेरते हुए कहा कि पुलिस भले ही छोटी-मोटी गिरफ्तारियां दिखाकर वाहवाही लूट रही हो, लेकिन असली सप्लायर अब भी आजाद घूम रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब से AAP सरकार बनी है, तब से नशे का कारोबार और ज्यादा संगठित हो गया है। सरकार केवल सोशल मीडिया पर वाहवाही लूट रही है, लेकिन पंजाब के युवाओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ है।”

नशे की समस्या पंजाब में कोई नई नहीं है, लेकिन AAP सरकार ने इसे खत्म करने का वादा कर सत्ता हासिल की थी। अब जब हालात बदतर हो रहे हैं, तो विपक्षी दल इसे सरकार की नाकामी करार दे रहे हैं। विश्वविद्यालयों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति, ड्रग्स तस्करी के बढ़ते मामले और पुलिस की दिखावटी कार्रवाइयों के बीच सरकार को अब ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वरना, ‘बदलता पंजाब’ का नारा महज एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा।

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