नई संसद में महिला आरक्षण पर बहस जारी है। वहीं, AIMIM एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का विरोध किया है। संसद में जारी बहस के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं के बारे में बात नहीं की गई है। ओवैसी ने कहा कि देशभर में मुस्लिम महिलाओं की आबादी सात प्रतिशत है। मगर लोकसभा में उनकी भागीदारी 0,7 प्रतिशत है।
ओवैसी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे केवल सवर्ण महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह बिल लाये हैं। उन्होंने कहा कि अब तक के चुनावी इतिहास में 690 महिलाओं का चुनाव किया गया जिसमें केवल 25 मुस्लिम महिलायें ही संसद में पहुंची। यह मुस्लिम महिलाओं के साथ दोहरा भेदभाव है। एक तो उनके साथ मुस्लिम होने के लिए भेदभाव किया जाता है तो दूसरा महिला होने के तौर पर।
उन्होंने कहा कि यह बिल बड़े लोगों को एंट्री कराने की तैयारी है, आप नहीं चाहते हैं कि कमजोर और छोटे तबके लोग विधानसभा और संसद पहुंचे। यह राजनीति तौर पर मुस्लिम महिलाओं को किनारे लगाने की कोशिश है। यह लोकतंत्र के अच्छा नहीं है। पीएम मोदी कहते हैं मै ओबीसी समाज से आते हैं। लेकिन उनके लिए उन्होंने क्या किया। बताते चले कि ओवैसी पहले नेता हैं, जिन्होंने महिला आरक्षण का विरोध किया है।
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