असम के गुवाहाटी से करीब आदिवासी जिला मेट्रो के सोनपुर कासूटोली गांव के आदिवासी जमीन और ब्लॉक् में सरकारी जमीन पर निचले आसाम के बंगाली भाषी मुस्लिमों ने अवैध अतिक्रमण किया था। जिसके विरोध में स्थानिक लोगों ने प्रदर्शन किए थे। वहीं आसाम में हिमंत बिस्व सरमा की सरकार ने बिना कोई रोक टोक पुलिस और प्रशासन को नोटिस भेजने और अतिक्रमण हटवाने के आदेश दिए थे। अतिक्रमण के हटने के बाद स्थानिक आदिवासियों ने उत्सव मनाया है, साथ ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा को धन्यवाद भी दिए है।
In a massive anti-encroachment drive by Himanta govt, huge tribal belt enchroached by illegal squatters cleared. Congress protests. Multiple Assam Policemen were injured.
Thousands of illegal Bangladeshi and Royingya vacated! Locals thank Himanta da & celebrate early Diwali pic.twitter.com/C4vqvQraYo
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) September 17, 2024
इस अवैध अतिक्रमण से इलाके की डेमोग्राफी बदलने और गुनहगारी में इजाफा होने की बात की जा रही थी। साथ ही इसे हटाने के मुद्दों लेकर आसाम की विधानसभा में भी गर्मागर्मी देखी गई थी। अवैध अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस और सरकारी अफसरों पर 1500 के करीब मुस्लिम भीड़ ने हथियारों के साथ हमला किया, जिसमें कई पुलिस कर्मी घायल हुए, तो एक राजस्व अधिकारी को पत्थरबाजी के कारण चोटें भी आयी। इस भीड़ को रोकने के लिए पुलिस ने फायर खोला जिसमें 2 मुसलमानों की मौत हुई।
घटना के बाद कांग्रेस ने अपने नेताओं का डेलिगेशन भेज कर अतिक्रमणकारियों के साथ सांत्वना व्यक्त करने की कोशिश की, लेकिन स्थानिक आदिवासियों ने कांग्रेस के 13 सदस्यीय डेलिगेशन का रास्ता रोक कर उन्हें पिछे भगाया। स्थानिकों का आरोप है की, कांग्रेस ने अपनी वोटबैंक को मजबूत करने और इलाके की डेमोग्राफी को बदलने के लिए बांग्लाभाषी मुसलमानों को कासूटोली में बसाया था।
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इतनी तनाव पूर्ण स्थिती, गरमाई सियासत, स्थानिकों का दबाव में भी प्रशासन और पुलिस ने काम रोके बिना अतिक्रण को हटाया। लेकिन सरकारी जमीन से हटाए जाने के बाद, जिनके अवैध निर्माण को ध्वस्त किया है, उनके बसने की चिंता पर लोगों ने सवाल उठाना शुरू किया है। आलोचकों ने कहा है, कहीं ये अवैध अतिक्रमण वो किसी और शहर, और किसी और राज्य में भी कर सकते है ऐसे में असम सरकार ने समस्या का समाधान करने के बजाय उसे शिफ्ट किया है।