उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान भगवा आतंक के सवाल पर कहा कि आतंकवादी, आतंकवादी होता है, फिर चाहे वह किसी भी रंग का हो। भगवा आतंकवादी होगा तो क्या उसकी पूजा होगी। आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता। आतंकवादी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए।
उन्होंने मुंबई बम धमाके और मालेगांव ब्लास्ट का भी जिक्र किया और कहा कि आतंकवादी घटना करके चले जाते हैं और आप दोषियों को खोज नहीं पाते। जब दोषियों पर कार्रवाई की बात आती है तो अपनी नाकामी छिपाने के लिए आतंक का रंग खोजने लगते हो।
मुंबई के दादर कबूतरखाने को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि कबूतर हमारे जीवन का एक अंग है। यदि उन्हें किसी स्थान से हटाना है तो उसकी प्रक्रिया और कारण स्पष्ट होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों की विचारधारा ने देश का बंटवारा किया, आज भी कुछ लोग उसी राह पर चल रहे हैं।
मालेगांव विस्फोट में आरोपियों के बरी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोर्ट में जो कार्रवाई हुई है, वह सही ही हुई होगी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि विस्फोट खुद तो हुआ नहीं है।
ग्रामीण दिल्ली को आत्मनिर्भर और विकसित बनाना हमारा लक्ष्य : चौहान!



