सुषमा अंधारे​ की आलोचना पर बच्चू कडू का जवाब, कहा- ‘150 करोड़..​!’

​प्रहार एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चू कडू ने अंधारे की आलोचना का जवाब दिया है। हमारा नाम प्रहार है। हम हड़ताल करते हैं। हम मूर्ख नहीं हैं। हम विकास के लिए गुवाहाटी गए थे।

सुषमा अंधारे​ की आलोचना पर बच्चू कडू का जवाब, कहा- ‘150 करोड़..​!’

Bachchu Kadu's reply on Sushma Andhare's criticism, said- '150 crores..!'

​शिवसेना में बगावत के बाद ठाकरे गुट ने पार्टी निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। शिवसेना के नेता विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में जा रहे हैं और ‘शिवगर्जना’ यात्रा के माध्यम से लोगों से बातचीत कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, ठाकरे समूह की उप नेता सुषमा अंधारे ने हाल ही में अमरावती में एक बैठक की। इस मुलाकात से अंधारे ने अमरावती के सांसद नवनीत राणा की आलोचना की|

​प्रहार एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चू कडू ने अंधारे की आलोचना का जवाब दिया है। हमारा नाम प्रहार है। हम हड़ताल करते हैं। हम मूर्ख नहीं हैं। हम विकास के लिए गुवाहाटी गए थे।
हमारी पार्टी का नाम प्रहार है : इस समय, बच्चू कडू ने कहा की हमारी पार्टी का नाम प्रहार है। बाकी दल का नाम प्रहार है ? हम हमला करते हैं। हम लड़खड़ाते नहीं हैं। देवेंद्रजी हमारी मदद करने जा रहे हैं। कोई भी सिर्फ इसलिए गुवाहाटी नहीं जाता क्योंकि उसने फोन किया था। हमने हाल ही में 150 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की है। सड़क विकास के लिए कल 127 करोड़ मंजूर किए गए।
अचलपुर के इतिहास : पहली बार इतनी बड़ी रकम आई है। विधानसभा क्षेत्र का विकास जरूरी है। हमारे पंद्रह साल ऐसे ही बीत गए। हमने सत्ता से बाहर विरोध किया। झगड़ा उस समय निर्वाचन क्षेत्र थोड़ा पीछे रह गया था। अब हमने चार परियोजनाओं को मंजूरी दी है। अंतत: निर्वाचन क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है।
गुवाहाटी जाने का सवाल : गुवाहाटी जाना है या नहीं? यह कौन तय करेगा? हमारे कार्यकर्ताओं ने पिछले 20 वर्षों से कड़ी मेहनत की है। ऐसे में कहां जाएं और कहां न जाएं? यह हम तय करेंगे… हमने मामले अपने ऊपर ले लिए। हमने लोगों को पीटा। तो हम किसके साथ बैठें? क्या अब आप यह कहने जा रहे हैं? ऐसा प्रश्न बच्चू कडू ने किया।
बच्चू कडू ने आगे कहा : शिवसेना और हमारे बीच संबंध कहां है कि हमें भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी या शिवसेना से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी अपनी पार्टी है। आत्म-प्रयास। हमारी अपनी नीति है। हम तय करेंगे कि इसे कहा प्रयोग करना है| इसलिए हमें देशद्रोही कहने की बुद्धिमानी कोई हमें न सिखाए। हमने विश्वासघात नहीं किया। उद्धव ठाकरे मेरे प्रचार के लिए सभा करने नहीं आए। आप अब भी हमें देशद्रोही कैसे कह सकते हैं?
 
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