पंजाब में किसानों और सरकार के बीच बढ़ते टकराव के बीच, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 26 मार्च को चंडीगढ़ में विधानसभा घेराव करने का ऐलान किया है। इसको देखते हुए पंजाब सरकार ने किसान संगठनों के साथ शुक्रवार (21 मार्च) को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। बैठक का उद्देश्य किसानों की मांगों पर चर्चा कर समाधान निकालना और संभावित टकराव को टालना है।
सरकार की इस अहम बैठक में एसकेएम पंजाब और भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा) समेत प्रमुख किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया करेंगे और यह चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में शुक्रवार शाम 4 बजे बुलाई गई है।
बुधवार (20 मार्च) को पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर से किसानों के टेंट हटाने के साथ और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने के बाद सरकार और किसानों के बीच तनाव बढ़ गया है। इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को भी गिरफ्तार किया गया। किसान नेता शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन मोहाली में पंजाब पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया और हिरासत में लिया गया। इसी कारवाई के विरोध में किसानों ने पंजाब विधानसभा के घेराव का ऐलान कर दिया है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
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भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मामले पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा, “पंजाब सरकार को किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए थी। केंद्र सरकार चाहती है कि पंजाब सरकार और किसानों के बीच टकराव बना रहे। हमारी मांग है कि सभी गिरफ्तार किसानों को तुरंत रिहा किया जाए।” साथ ही टिकैत ने कहा कि यदि पंजाब सरकार किसानों से समन्वय नहीं बनाती, तो यह आंदोलन और तेज हो सकता है और पूरे पंजाब में फैल सकता है।
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