बिहार: नीतीश और लालू के ‘अपराधियों- अधिकारियों’ के ‘राज’ में कोई अंतर नहीं!

पीके ने कहा, लालू यादव के राज में अपराधियों का 'जंगलराज' हुआ करता था और आज नीतीश कुमार के शासन में अधिकारियों का 'जंगलराज' है।

बिहार: नीतीश और लालू के ‘अपराधियों- अधिकारियों’ के ‘राज’ में कोई अंतर नहीं!

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जनसुराज के संस्थापक पीके ने सोमवार को कहा कि बिहार में लालू यादव और नीतीश कुमार के शासन में कोई अंतर नहीं है। लालू यादव के राज में अपराधियों का ‘जंगलराज’ हुआ करता था और आज नीतीश कुमार के शासन में अधिकारियों का ‘जंगलराज’ है। लालू राज में अपराधी लोगों को घर जाकर लूटते थे और नीतीश के राज में अधिकारी कलम लगाकर लूट रहे हैं।
दरभंगा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जैसे लालू राज में अपराधी किसी से नहीं डरा करते थे, ठीक उसी तरीके से अभी अधिकारी किसी से नहीं डरते हैं। दोनों लोगों के राज में सिर्फ बिहार की जनता का ही हजामत बना है। यही कारण है कि बिहार की जनता दोनों पार्टियों से मुक्ति चाहती है।

प्रशांत किशोर ने कहा कि अब किसी भी तरह से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं बन सकते हैं। बिहार में बदलाव निश्चित है। कौन बिहार का नेतृत्व करेगा, यह अगले छह महीने बाद होने वाले चुनाव से पता चल जाएगा।

उन्होंने कहा कि कोई बाबा देश नहीं चलाते हैं, देश में लोकतंत्र है, वह जो चाहे बोल सकते हैं। देश किसी बाबा के कहने से नहीं चलता है, देश जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों से चलता है। देश का कानून संसद में बनता है, किसी बाबा के दरबार में नहीं बनता।

प्रशांत किशोर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने दिखा दिया कि संविधान बदलने का अधिकार किसी को नहीं है, जनता ने अपने वोट से साफ कर दिया है।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें मुसलमानों का मुफ्त में वोट लेने की आदत लग गई है। मुसलमानों को डराने की आदत है कि हमें वोट नहीं दोगे तो भाजपा आ जाएगी। अब मुसलमानों को विकल्प दिख गया है, जिसका नाम है जन सुराज, इसलिए तेजस्वी ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं। जिस दिन मुसलमान राजद से निकल जाएंगे, उस दिन लालटेन का बुझना तय है।

 
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