​आव्हाड से इतिहास में नया मोड़, औरंगजेब को मानवतावादी​, संजय राउत के झुमके​ !​

आव्हाड ने नई जानकारी दी कि औरंगजेब क्रूर नहीं था। औरंगजेब की महानता बताते हुए मि. ​अव्हाड​​ ने कहा​ कि​ संभाजी राजा को विष्णु के मंदिर के सामने गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन औरंगजेब ने विष्णु के मंदिर को नहीं तोड़ा।

​आव्हाड से इतिहास में नया मोड़, औरंगजेब को मानवतावादी​, संजय राउत के झुमके​ !​

A new twist in history from Awadh, Aurangzeb a humanist, Sanjay Raut's earrings!

भाजपा​​ के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने औरंगजेब को औरंगजेबजी कहा|​​औरंगजेब को माननीय या औरंगजेबजी का नाम देने के पीछे भाजपा नेताओं की मानसिकता यह है कि औरंगजेबजी का जन्म गुजरात के दाहोद में हुआ था। जन्म के समय औरंगजेब के पिता गुजरात के सूबेदार थे।

सांसद संजय राउत ने भाजपा​​ को चुनौती दी कि हो सकता है कि औरंगजेब से इस संबंध के कारण बावनकुले ने उन्हें औरंगजेबजी कहा हो|​​ संजय राउत ने मैच में ‘रोखटोक’ विषय से पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में छत्रपति संभाजी महाराज को लेकर चल रहे विवाद पर विस्तार से टिप्पणी की है|​ ​

इस लेख में संजय राउत ने अप्रत्यक्ष रूप से एनसीपी नेता जितेंद्र ​​अव्हाड​​ की आलोचना की है|राकांपा के एक विधायक ने महसूस किया कि औरंगजेब क्रूर नहीं था। वहीं, भाजपा​ ​के प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का मानना था कि औरंगजेब सम्माननीय है|​​ महाराष्ट्र में धार्मिक भ्रम का यह ​एक ​नया इतिहास। औरंगजेब, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को बेरहमी से मार डाला, क्या क्रूर औरंगजेब एक साधारण व्यक्तित्व​​ था? बावनकुले यही कहना चाहते हैं। एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाडने इतिहास को नया मोड़ देने का काम किया|

आव्हाड ने नई जानकारी दी कि औरंगजेब क्रूर नहीं था। औरंगजेब की महानता बताते हुए मि. अव्हाड​​ ने कहा​ किसंभाजी राजा को विष्णु के मंदिर के सामने गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन औरंगजेब ने विष्णु के मंदिर को नहीं तोड़ा। इसी एक प्रमाण के आधार पर अव्हाड​​ ने प्रमाण पत्र दिया कि औरंगजेब क्रूर नहीं था और मानवतावादी था। संजय राउत ने टिप्पणी की कि शायद इसी वजह से चंद्रशेखर बावनकुले ने अव्हाड​ ​पर कब्जा करते हुए औरंगजेब का उल्लेख औरंगजेबजी के रूप में किया था|​ 
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