मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया जा रहा है। अमृत काल का यह पहला बजट है। इस दौरान वित्त मंत्री ने बजट में सात मुख्य बातों पर फोकस किया। जिसे उन्होंने ‘सप्तऋषि’ का नाम दिया।जिसके अंतर्गत समावेशी वृद्धि,ग्रीन ग्रोथ ,यूथ पावर, फाइनेंशियल सेक्टर, अंतिम छोर तक पहुंच, बुनियादी ढांचों का विकास साथ क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल पर जोर होगा।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण में बताया कि मोटे अनाज के उत्पादन के लिए श्री अन्न योजना की शुरुआत की जायेगी। इसके अलावा उन्होंने इन्फ्रास्ट्रक्चर और छात्रों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा की। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाएंगे। इसके लिए वित्त मंत्री ने मिलेट्स संस्थान गठन करने का ऐलान किया। इसके तहत श्रीअन्न योजना को लागू किया जाएगा और किसानों को मोटे अनाज उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि मोटे अनाज 2016 -17 से इसकी खपत में कमी आने की वजह से मोटे अनाजों की खेती में कमी दर्ज की गई है। इसमें बाजरा,ज्वार ,सावां आदि मोटे अनाज की श्रेणी में आते हैं। मोटे अनाज में विटामिन,फाइबर और खनिज की मात्रा अधिक पाई जाती है। कुछ दिन पहले ही मोदी सरकार ने इस कई बढ़े कदम उठाएं हैं। मोदी सरकार ने इस ओर अपना रुझान बढ़ाया है।
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