केंद्रीय चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिन्ह ‘धनुष बाण’ दिया। इसके बाद उद्धव ठाकरे के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा हो गया है| उसमें समता पार्टी ने ‘मशाल’ सिंबल पर दावा किया है,जो हाल ही में ठाकरे गुट को दिया गया था| इससे उद्धव ठाकरे के सामने परेशानी बढ़ गई है। समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय मंडल ने कहा कि मशाल चिन्ह पर समता पार्टी ने दावा किया है और हम इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे|
शिवसेना का आंतरिक विवाद जो भी था| वह अब फैसले में है। शिंदे गुट को पार्टी का सिंबल और पार्टी का नाम मिला। तो हमारा साइन क्यों अटका हुआ है? यह सवाल मंडल ने उठाया था। हमारा लोगो किसी अन्य पार्टी को न दें। हमें अपनी पहचान अर्जित करनी चाहिए। हम इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमें यह सिंबल 2022 में मिला था जब शिवसेना का आंतरिक विवाद चल रहा था।
समता पार्टी बिहार में एक बड़ी पार्टी है। समता पार्टी की पहचान मशाल के निशान से होती है। चुनाव आयोग से यह गलती कैसे हो गई? क्या साइन लेते वक्त शिवसेना के नेताओं को इस बात का अंदाजा नहीं था? क्या उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया? ऐसा सवाल मंडल ने भी उठाया था। उदय मंडल ने धनुष बाण और शिवसेना पार्टी उद्धव ठाकरे को भी बधाई दी होगी। शिवसेना के अंदरूनी विवाद से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। हमें अपना ‘मशाल’ चिन्ह चाहिए।