विपक्ष पर भड़के सभापति जगदीश धनखड़, कहा मगरमच्छ आंसू बहाने से किसानों का हित नहीं होगा!

आप समाधान नहीं चाहते। किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता हैं। सभापति ने कहा कि पिछले सप्ताह सदन में हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और अफसोस है कि उस दौरान एक भी नोटिस किसानों के मुद्दे पर नहीं दिया गया था।

विपक्ष पर भड़के सभापति जगदीश धनखड़, कहा मगरमच्छ आंसू बहाने से किसानों का हित नहीं होगा!

why-no-dialogue-with-farmers-vice-president-jagdeep-dhankar-asks-shivraj-chouhan-on-stage

शीतकालीन सत्र के दौरान किसान मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहे सांसदों की आलोचना करते हुए धनखड़ ने कहा कि नारेबाजी और मगरमच्छ की आंसू बहाने से किसानों का हित पूरा नहीं होगा। नारेबाजी कर रहे कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों से उन्होंने कहा कि आप केवल इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं। 

आप समाधान नहीं चाहते। किसान आपकी आखिरी प्राथमिकता हैं। सभापति ने कहा कि पिछले सप्ताह सदन में हंगामे के कारण कोई कामकाज नहीं हो सका और अफसोस है कि उस दौरान एक भी नोटिस किसानों के मुद्दे पर नहीं दिया गया था। हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को रोकते हुए धनखड़ ने कहा कि भविष्य में मैं यह ध्यान रखूंगा कि आपका आश्वासन एक रणनीति थी। मैंने आपको इस आश्वासन पर अनुमति दी कि आप लोग मर्यादा और अनुशासन का पालन करेंगे।

बता दे कि दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों द्वारा आंदोलन शुरू किया गया है| राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान हंगामा किए जाने पर सदन के सभापतिजगदीप धनखड़ विपक्षी दलों पर भड़क गए। किसानों के मुद्दों को लेकर विपक्ष के नारेबाजी करने पर धनखड़ ने कहा कि विपक्ष सिर्फ मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है और ड्रामा कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘मगरमच्छ के आंसू’ से किसानों का हित नहीं पूरा होगा।

इसके बाद कांग्रेस सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सरकार की कथित किसान विरोधी नीतियों और एमएसपी बढ़ाने के वादे को पूरा नहीं करने के विरोध में राज्यसभा से वॉक आउट किया। इससे पहले कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। आरोप है कि जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत दिन के सूचिबद्ध कामकाज को निलंबित करने की मांग करने वाले नोटिस को अस्वीकार कर दिया था।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार ने एमएसपी बढ़ाने का अपना वादा पूरा नहीं किया है और इस वजह से किसानों को फिर से आंदोलन करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों से किए गए अन्य वादों को भी पूरा नहीं किया है। तिवारी ने धनखड़ का नाम लिए बगैर कहा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने भी किसानों के लिए आवाज उठाई है। 

यह भी पढ़ें-

Maharashtra: भाजपा आलाकमान ने शिंदे को सीएम पद को लेकर क्या कहा? अठावले ने कहा…!

Exit mobile version