चंद्रकांत खैरे का बड़ा आरोप,’सेटेलाइट से कंट्रोल होती हैं EVM मशीनें
उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने आरोप लगाया है कि देश में वोटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीनें सैटेलाइट से नियंत्रित होती हैं|
Team News Danka
Updated: Mon 27th February 2023, 06:19 PM
'EVM machines are directly controlled by satellite', Chandrakant Khaire's big allegation!
भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह किस आधार पर महाराष्ट्र में 48 सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं? इस दावे के पीछे जरूर कोई साजिश है। उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट के पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने आरोप लगाया है कि देश में वोटिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली ईवीएम मशीनें सैटेलाइट से नियंत्रित होती हैं, इसलिए वे इस तरह के पुख्ता दावे कर सकते हैं|
इसलिए खैरे ने कहा कि मेरी मुख्य मांग यह है कि हमें बैलेट पेपर चाहिए ईवीएम नहीं : उद्धव ठाकरे की पार्टी ने राज्य भर में शिवगर्जना अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत ठाकरे गुट के विभिन्न कार्यकर्ता राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर शिवसैनिकों की बैठकें कर रहे हैं| शिवगर्जना यात्रा के दौरान औरंगाबाद यानी छत्रपति संभाजीनगर से पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे का गढ़चिरौली में आयोजन किया गया है|
‘मजबूत किया जा रहा है मिंधे गुट’: गढ़चिरौली पहुंचकर चंद्रकांत खैरे ने एकनाथ शिंदे गुट पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा, महाराष्ट्र के लोग पीड़ित हैं। शिंदे गुट ने शिवसेना को तोड़ने का घिनौना काम किया है। फडणवीस ने उन्हें मजबूत बनाया है। कोई विकास कार्य नहीं है। कोई नौकरी नहीं। महंगाई बढ़ी। इस बीच खैरे ने जवाब दिया कि हम यहां यह बताने आए हैं कि शिंदे ग्रुप को मजबूत किया जा रहा है।
गढ़चिरौली में मजबूत है शिवसेना खैरे ने कहा कि गढ़चिरौली में शिवगर्जना अभियान की धमाकेदार शुरुआत हो गई है| उद्धव ठाकरे के यहां वफादार शिवसैनिक हैं। यहां केवल 4 त्यागे गए नेता हैं, वे शिंदे के गुट में चले गए। खैरे ने अपनी भावना व्यक्त की कि यह कहना गर्व की बात है कि बाकी महिला मोर्चा या युवा सेना के नेताओं में से कोई भी शिंदे समूह में शामिल नहीं हुआ।
’ईवीएम नहीं, बैलेट पेपर चाहिए’: ईवीएम मशीन नहीं। खैरे ने समझाया कि हम मतपत्र की मांग करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अमित शाह बड़े-बड़े ऐलान करते हैं। हम महाराष्ट्र में 48, बिहार में 36 सीटें जीतेंगे। आप यह किस बिंदु से कह रहे हैं? अब लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।
यह सब सेटेलाइट के जरिए किया जा रहा है। इसलिए हमारे सभी नेता यह मांग करने जा रहे हैं कि हमें ईवीएम मशीन की नहीं, बैलेट पेपर की जरूरत है। हाल ही में कस्बा पेठ और चिंचवाड़ निर्वाचन क्षेत्रों में हुए चुनावों के नतीजों के बाद उम्मीद की जा रही है कि महाविकास अघाड़ी की ओर से यह मांग और अधिक आक्रामक तरीके से की जाएगी|