छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘वाघ नख’ लौट रहा है भारत ?
अंग्रेजों के भारत आने के बाद मराठा पेशवा के प्रधानमंत्री ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डप को बतौर तोहफा दे दिया था| इसके बाद जब अधिकारी 1824 में अपने देश ब्रिटेन पहुंचे थे तो उन्होंने इसे वहां के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम को दान कर दिया था| ये उस वक्त से वहीं था|
Team News Danka
Updated: Sat 09th September 2023, 07:06 PM
वीर छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस ‘वाघ नख’ हथियार से अफ़ज़ल ख़ान को मारा था वो जल्द ही देश को वापस किया जाएगा| ब्रिटेन सरकार के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि शिवाजी महाराज का वो ऐतिहासिक हथियार भारत को वापस लौटाया जाएगा| एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवाजी महाराज का ये विशेष हथियार आजादी से पहले मराठा राज्य की राजधानी सतारा में ही था| अंग्रेजों के भारत आने के बाद मराठा पेशवा के प्रधानमंत्री ने इसे ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी जेम्स ग्रांट डप को बतौर तोहफा दे दिया था| इसके बाद जब अधिकारी 1824 में अपने देश ब्रिटेन पहुंचे थे तो उन्होंने इसे वहां के विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम को दान कर दिया था|ये उस वक्त से वहीं था|
गौरतलब है कि 1659 में छत्रपति शिवाजी ने बीजापुर के सेनापति अफ़ज़ल ख़ान को बाघ के नाखून जैसे दिखने वाले खंजर ‘बाघ नख’ से मार गिराया था| ये ऐतिहासिक हथियार भारत में नहीं बल्कि UK में था| महाराष्ट्र के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार सितंबर में लंदन जाकर विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम के साथ एक एमओयू साइन करेंगे| विक्टोरिया ऐंड अल्बर्ट म्यूज़ियम में ही छत्रपति शिवाजी का वाघ नख रखा हुआ है|
अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ तो इसी साल शिवाजी का वाघ नख भारत लौटेगा| सुधीर मुनगंटीवार ने बताया, ‘हमें ब्रिटिश अधिकारियों से एक चिट्ठी मिली है| वो छत्रपति शिवाजी महाराज के वाख नख को लौटाने के लिए राज़ी हो गए हैं| हिन्दू पंचांग के अनुसार जिस दिन छत्रपति शिवाजी ने अफजल खान को मारा था, हमें वो हथियार उसी दिन मिल सकता है| कुछ और दिनों पर भी चर्चा हो रही है| वाघ नख को भारत कैसे ट्रांसपोर्ट किया जाएगा इस पर भी बातचीत जारी है| ‘
शिवाजी की दूसरी चीज़ें भी भारत लौटेंगी?: सुधीर मुनगंटीवार ने बताया कि एमओयू साइन करने के अलावा छत्रपति शिवाजी महाराज की दूसरी वस्तुओं को भी भारत लाने की कोशिशें हो रही हैं| शिवाजी की जगदंबा तलवार भी UK में रखी है, उसे भी देश वापस लाने की तैयारियां चल रही हैं| मुनगंटीवार ने कहा, ‘वाघ नख भारत वापस आ रहा है ये महाराष्ट्र के लिए और महाराष्ट्र के लोगों के लिए बहुत बड़ी बात है|ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 10 नवंबर को अफ़ज़ल ख़ान की मौत हुई लेकिन हम हिन्दू तिथि के हिसाब से वाघ नख वापस लाना चाहते हैं|’
वाघ नख को वापस लाने के लिए मुनगंटीवार, प्रिंसिपल सेक्रेटरी कल्चर, डॉ विकास खड़गे और डायरेक्टर ऑफ द स्टेट्स डायरेक्टरेट ऑफ आर्कियोलॉजी ऐंड म्यूजियम्स तेजस गर्गे भी लंदन जाएंगे|29 सितंबर से 4 अक्टूबर तक तीन सदस्यों के 6 दिन के UK दौरे के लिए महाराष्ट्र सरकार 50 लाख रुपये खर्च कर रही है|
वाघ नख एक प्रकार का खंजर है जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने इस्तेमाल किया था| बीजापुर रियासत के सेनापति अफ़ज़ल ख़ान को वाघ नख से शिवाजी ने मार गिराया था,जब दोनों एक-दूसरे को गले लगाने के लिए आगे बढ़े तब शिवाजी ने वाघ नख का इस्तेमाल कर अफ़ज़ल ख़ान को मार गिराया| इसके बाद शिवाजी अफ़ज़ल ख़ान की तलवार ले ली| बीजापुर रियासत के खिलाफ विद्रोह छेड़ने के बाद शिवाजी मराठा साम्राज्य की स्थापना की और पुणे को राजधानी बनाया|
इसे बाघ के पंजों से प्रेरित होकर बनाया गया था| इसमें चार नुकीले सिरे होते हैं और इसे हाथ में पहना जाता है| इसे आसानी से हाथों में छिपाकर रखा जा सकता है| वाघ नख अगर शरीर में घुस गया तो इससे गहरे ज़ख़्म आ सकते हैं और मौत भी हो सकती है|
इंटरनेट पर उपलब्ध लेखों की मानें तो वाघ नख का प्रयोग काफ़ी समय से किया जा रहा है| हालांकि कुछ लोक कथाओं में ये भी प्रचलित है कि शिवाजी ने ही वाघ नख हथियार बनाया था| छत्रपति शिवाजी महाराज के शासनकाल में इस हथियार का इस्तेमाल काफ़ी ज़्यादा बढ़ा| ये भी कहा जाता है कि निहंग सिख वाघ नख का इस्तेमाल करते हैं| निहंग सिख महिलाओं को भी वाघ नख रखने की सलाह दी जाती है|