नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम कई क्षेत्रीय दलों के बीच जमकर वाकयुद्ध हुआ। टीकाकरण की नीति से लेकर अस्पतालों में बेड की गैरमौजूदगी और ऑक्सीजन के संकट को लेकर सभी दल एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे थे, ऐसा ही एक आरोप पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने लगाया था, हालांकि उन्होंने कुछ देर बाद अपना बयान वापस ले लिया। चिंदबरम ने संशोधित वैक्सीन नीति को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा था।
चिदंबरम ने ट्वीट किया- ‘मैंने कहा था कि वह बताएं कि कौन सी राज्य सरकार ने कहा था कि उन्हें वैक्सीन खरीदने की अनुमति दी जाए, सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस बाबत एक चिट्ठी की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट किया है जिसमें बंगाल सरकार ने वैक्सीन पर निर्माताओं से बात करने की अनुमति मांगी थी, मैं गलत था, मैं अपनी गलती स्वीकार करता हूं। बता दें चिदंबरम ने संशोधित टीकाकरण नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा था- किसी ने नहीं कहा कि केंद्र को टीके नहीं खरीदने चाहिए। पीएम अब राज्य सरकारों पर आरोप लगाते हुए कह रहे हैं – वे टीके खरीदना चाहते थे इसलिए हमने उन्हें अनुमति दी,बताइए कि किस सीएम, किस राज्य सरकार ने किस तारीख को मांग की कि उन्हें टीके खरीदने की अनुमति दी जाए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने सोमवार को कहा कि अब 18 से 44 साल के आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए भी राज्यों को टीका मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा और अगले दो सप्ताह में इससे जुड़े दिशानिर्देश तय कर लिए जाएंगे. उन्होंने राष्ट्र के नाम संबोधन में यह भी कहा कि पूरे देश में सभी लिए के मुफ्त टीकाकरण 21 जून से शुरू होने की उम्मीद है। मोदी ने कई विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बयानों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए यह भी कहा कि टीकाकरण को लेकर राजनीतिक छींटाकशी उचित नहीं है।