मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में पुराना बजट भाषण पढ़ दिया। करीब 6 मिनट तक वे पुराना बजट पढ़ते रहे, तभी जलदाय मंत्री महेश जोशी ने सीएम को टोका और कहा कि बजट रोक दीजिए। सीएम ने जब कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि पुराना वाला है। सीएम ने जैसे ही तारीख देखी तो वह चौंक गए। गहलोत का भाषण रुका, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया।
उधर, मुख्यमंत्री की इस भूल को विपक्ष ने लापरवाही का मुद्दा बनाते हुए सदन में भारी हंगामा शुरू कर दिया। जब मुख्यमंत्री को अपनी गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने भरे सदन में अपनी गलती के लिए मांफी मांगी। हालांकि, विपक्ष इसके बाद भी शांत नहीं हुआ। विपक्ष का हंगामा देख स्पीकर ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके बाद भी विपक्ष के नहीं सुनने पर अध्यक्ष सीपी जोशी गुस्से में सदन को आधे घंटे के लिए स्थगित कर बाहर चले गए। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब बजट के दौरान राजस्थान में सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है।
वहीं राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता वसुंधरा राजे ने भी सीएम गहलोत और कांग्रेस पार्टी को इस घटना के बाद घेरा है। उन्होंने कहा कि 8 मिनट तक सीएम पुराना बजट पढ़ते रहे। जब मैं सीएम थी तो बजट पेश करने से पहले बार-बार चेक करती था और पढ़ती थी। भाजपा नेता ने कहा कि लोग कल्पना कर सकते हैं कि पुराने बजट को पढ़ने वाले मुख्यमंत्री के हाथों में राज्य कितना सुरक्षित है। बीजेपी के नेता और विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले साल का बजट उस समय पढ़ा जब वह इस दुविधा में थे कि अडानी का समर्थन करें या विरोध करें।
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