सीएम रेवंत रेड्डी का विवादित बयान: ‘आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों को नंगा करके पीटा जाएगा’

आजकल कोई भी यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को पत्रकार बताने लगा है और नेताओं के खिलाफ गलत खबरें फैला रहा है। हम ऐसे नकली पत्रकारों से सख्ती से निपटेंगे।

सीएम रेवंत रेड्डी का विवादित बयान: ‘आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों को नंगा करके पीटा जाएगा’

CM Revanth Reddy's controversial statement: 'Those who post objectionable posts will be stripped naked and beaten'

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में एक तीखा बयान देते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने वालों को नंगा करके सार्वजनिक रूप से पीटा जाएगा। उनका यह बयान दो महिला पत्रकारों की हालिया गिरफ्तारी के संदर्भ में आया, जिन्होंने कथित तौर पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किए थे।

विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान, मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा, “हम सार्वजनिक जीवन में हैं और आलोचना के लिए तैयार हैं, लेकिन हमारे परिवार के सदस्यों को निशाना बनाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर यह ट्रेंड जारी रहा तो हम ऐसे लोगों को नंगा कर देंगे और जनता के सामने उनकी पिटाई करेंगे। मेरे कहने पर लाखों लोग सड़कों पर उतर आएंगे।” उन्होंने आगे कहा, “संविधान और कानून का मैं पूरा सम्मान करता हूं, लेकिन इसे मेरी कमजोरी मत समझो। मैं हर कदम कानून के दायरे में रहकर ही उठाऊंगा।”

पत्रकारों की सूची तैयार करने का निर्देश:

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू को निर्देश दिया कि वे मान्यता प्राप्त पत्रकारों की एक सूची तैयार करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि “जो लोग इस सूची में नहीं हैं, उन्हें पत्रकार नहीं माना जाएगा और उनके साथ अपराधियों की तरह व्यवहार किया जाएगा।”

फर्जी पत्रकारों पर सख्त कार्रवाई की बात:

रेड्डी ने कहा, “आजकल कोई भी यूट्यूब चैनल बनाकर खुद को पत्रकार बताने लगा है और नेताओं के खिलाफ गलत खबरें फैला रहा है। हम ऐसे नकली पत्रकारों से सख्ती से निपटेंगे।” उन्होंने पत्रकार संगठनों के साथ चर्चा कर इस मुद्दे पर कानून लाने का भी संकेत दिया।

विपक्ष ने जताई नाराजगी:

मुख्यमंत्री के इस बयान पर विपक्षी दलों और पत्रकार संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा, “रेवंत रेड्डी को समझना चाहिए कि एक लोकतांत्रिक देश में मीडिया की स्वतंत्रता पर इस तरह हमला करना अस्वीकार्य है।” वहीं, भाजपा नेता किशन रेड्डी ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि “एक मुख्यमंत्री का इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करना अराजकता को बढ़ावा देता है।”

अपने संबोधन में रेवंत रेड्डी ने राज्य की आर्थिक स्थिति का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार को कर्मचारियों को वेतन देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वे फिलहाल महंगाई भत्ते (डीए) की मांग को टाल दें, क्योंकि वित्तीय संकट गहराता जा रहा है।

तेलंगाना सरकार अब सोशल मीडिया पर फैलने वाली झूठी और भ्रामक खबरों को रोकने के लिए एक सख्त कानून लाने की योजना बना रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है या फिर सोशल मीडिया पर बढ़ती फेक न्यूज को रोकने की जरूरत?

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी का यह बयान न केवल तेलंगाना बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है। जहां कुछ लोग इसे सोशल मीडिया पर नियंत्रण की जरूरत बता रहे हैं, वहीं कई इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला मान रहे हैं। आने वाले दिनों में देखना होगा कि इस विवाद पर सरकार और विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया रहती है।

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