ओडिशा के पूर्व विधायक और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मोहम्मद मोक़ीम ने कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए सोनिया गांधी को एक तीखा और अत्यंत भावुक पत्र लिखा है। 8 दिसंबर को भेजे गए इस पत्र में उन्होंने कहा कि पार्टी आज जिस हालात में है, वह अलार्मिंग, हार्टब्रेकिंग और असहनीय है, और अगर तुरंत गहरी सर्जरी नहीं हुई तो कांग्रेस “अपनी 100 साल पुरानी विरासत भी खो देगी।”
मोक़ीम ने अपने पत्र में ओडिशा संगठन की स्थिति को कांग्रेस की सबसे बड़ी विफलताओं में गिनाया। उन्होंने 2023 में हुए संगठनात्मक बदलाव को गलत और नुकसानदेह बताते हुए कहा कि उस समय प्रदेश अध्यक्ष बने सरेट पटनायक लगातार चुनाव हारते रहे और 2024 के चुनाव में पार्टी का वोट शेयर गिरकर 13% तक सिमट गया।
उन्होंने 2025 में नियुक्त हुए नए प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास पर भी सवाल उठाए। दास लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं और कभी गांधी परिवार की खुलकर आलोचना कर चुके हैं। मोक़ीम ने आरोप लगाया कि दास के नेतृत्व में पार्टी नुआपाड़ा उपचुनाव में 83,000 वोटों के भारी अंतर से हारी, जो जनता के भरोसे के पूरी तरह खत्म होने का संकेत है।
मोक़ीम ने खुलासा किया कि वह एक विधायक होते हुए भी तीन साल तक राहुल गांधी से मुलाकात नहीं कर पाए। उन्होंने कहा, “यह व्यक्तिगत शिकायत नहीं, बल्कि उस भावनात्मक दूरी की निशानी है जो देशभर के लाखों कार्यकर्ता महसूस करते हैं।”
उन्होंने 83 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व को लेकर कहा कि आज की 65% युवा आबादी से पार्टी कनेक्ट नहीं कर पा रही है। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, जयवीर शेरगिल, हेमंत बिस्वा शर्मा जैसे युवा नेताओं के पार्टी छोड़ने को अनसुना और उपेक्षित महसूस कराने का नतीजा बताया।
मोक़ीम ने कहा कि पार्टी के पुनर्निर्माण के लिए प्रियंका गांधी को केंद्रीय नेतृत्व में लाया जाना चाहिए। साथ ही सचिन पायलट, डीके शिवकुमार, रेवंत रेड्डी और शशि थरूर को पार्टी की मुख्य नेतृत्व टीम का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया, जैसा उदयपुर चिंतन शिविर में प्रस्तावित हुआ था।
उन्होंने ‘संगठन सृजन अभियान’ पर भी गंभीर सवाल उठाए, आरोप लगाया कि इसमें “कुशल नेताओं को दरकिनार कर, कम लोकप्रिय व्यक्तियों को बढ़ावा दिया गया।” उन्होंने चेतावनी दी कि “देशभर में वरिष्ठ नेताओं में नाराज़गी बढ़ रही है और कई लोग पार्टी छोड़ने की सोच रहे हैं।”
मोक़ीम के पत्र ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है। पूर्व OPCC प्रमुख जयदेव जेना ने बयान दिया, “राहुल गांधी और खड़गे के खिलाफ उनकी टिप्पणी स्पष्ट रूप से अनुशासनहीनता है। लगता है वह पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं।”वहीं वरिष्ठ नेता नरसिंह मिश्रा ने मोक़ीम का समर्थन किया, “हर कांग्रेस सदस्य को हाईकमान को बताने का अधिकार है कि संगठन में क्या गलत है। उन्होंने कुछ गलत नहीं किया।” सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अब उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर विचार कर रही है।
मोक़ीम ने पत्र के अंत में लिखा, “मैंने यह पत्र गुस्से में नहीं, बल्कि उस पार्टी के प्रति प्यार में लिखा है जिसे मेरे पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम से पहले से सेवा दी है।
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