ग्रेट निकोबार में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना से कांग्रेस परेशान?

इसके तहत द्वीप पर एक ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट, एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, टाउनशिप विकास और 450 एमवीए गैस और सौर-आधारित बिजली संयंत्र विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का क्षेत्रफल 130 वर्ग किलोमीटर होने की उम्मीद है| इसे मंजूरी भी मिल गई है|

ग्रेट निकोबार में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना से कांग्रेस परेशान?

Congress upset with Modi government's ambitious project in Great Nicobar?

ग्रेट निकोबार में केंद्र सरकार द्वारा विकास कार्य किये जाने वाले हैं| 72 हजार करोड़ रुपये का ‘मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट’ शुरू किया जाएगा| इसके तहत द्वीप पर एक ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट, एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, टाउनशिप विकास और 450 एमवीए गैस और सौर-आधारित बिजली संयंत्र विकसित किया जाएगा। इस परियोजना का क्षेत्रफल 130 वर्ग किलोमीटर होने की उम्मीद है| इसे मंजूरी भी मिल गई है|

वही, दूसरी ओर इस परियोजना के कारण कांग्रेस के पेट में दर्द होना शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस परियोजना पर पर्यावरण के साथ-साथ क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के कथित उल्लंघन पर भी अपनी चिंता जताई है। कांग्रेस ने ग्रेट निकोबार द्वीप समूह में केंद्र की प्रस्तावित 72,000 करोड़ रुपये की ‘मेगा इन्फ्रा परियोजना’ के लिए सभी मंजूरी को तत्काल निलंबित करने और गहन निष्पक्ष समीक्षा की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह परियोजना द्वीप के आदिवासी समुदायों और प्राकृतिक पर्यावरण के लिए खतरा है।

कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि नीति आयोग के आदेश पर मार्च 2021 में शुरू की गई इस परियोजना में दिक्कतें आ रही हैं|कांग्रेस द्वारा परियोजना की समीक्षा की मांग की जा रही है। ”पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने परियोजना के लिए 13 हजार 75 हेक्टेयर वन भूमि को मंजूरी दे दी है।

कांग्रेस के महासचिव ने बताया कि यह क्षेत्र द्वीप के भूभाग का लगभग 15 प्रतिशत है। साथ ही रमेश ने कहा है कि जिस तटीय क्षेत्र में बंदरगाह और परियोजना प्रस्तावित है, वह भूकंप संभावित क्षेत्र है|इसलिए पर्यावरण के लिए बड़ा ख़तरा है, जबकि ग्रेट निकोबार को लेकर कांग्रेस की आलोचना हो रही है|

ग्रेट निकोबार में यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है|चीन के बढ़ते प्रभुत्व को रोकने के लिए इस प्रोजेक्ट को अहम माना जा रहा है|चीन की नीति भारत को चारों तरफ से घेरने की है|इसलिए चीन ने श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है|म्यांमार में कोको द्वीप पर सैन्य अड्डा स्थापित करने के लिए चीन की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं। यह द्वीप अंडमान निकोबार समूह से केवल 55 किमी दूर है।

भारत ने हिंद महासागर में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ग्रेट निकोबार द्वीप पर एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इसके अलावा यह परियोजना रक्षा, पर्यटन और व्यापार की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके विरोध को लेकर कांग्रेस की तीखी आलोचना हो रही हैं|

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