उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की सेना ने देश में आधे से अधिक समय तक शासन किया है। साथ ही सेना का देश की सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में दखल भी रहा है। 8 मार्च को पाकिस्तान का राजनीतिक हलचल तब बढ़ गया जब विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बात कही।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे ‘विदेशी साजिश’ करार दिया। प्रधानमंत्री इमरान खान के अनुसार सेना के शीर्ष नेतृत्व ने पिछले हफ्ते उनसे मुलाकात की थी और राजनीतिक गतिरोध को हल करने के लिए तीन विकल्पों की पेशकश की। इनमें इस्तीफा देना, अविश्वास का सामना करना या जल्द चुनाव कराना शामिल था।
हालांकि ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ की रिपोर्ट के अनुसार सैन्य प्रतिष्ठान ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा था कि उनकी ओर से कोई विकल्प नहीं रखा गया था। वरन सरकार ने ही शीर्ष अधिकारियों को फोन करके मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया था। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक (डीजी) ने पीएम इमरान खान से मुलाकात की थी|
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