शिवसेना पक्ष प्रमुख व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा की गई बड़ी-बड़ी बातों का विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने जोरदार जवाब दिया है। ठाकरे सरकार को महाराष्ट्र की सबसे भ्रष्ट सरकार बताते हुए फडणवीस ने कहा कि यह सरकार केवल धन उगाही में लगी है। उन्होंने कहा कि जब उद्धव ने बाला साहेब को किसी शिवसैनिक को मुख्यमंंत्री बनाने का वचन दिया था तो खुद क्यों मुख्यमंत्री बन गए।
भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शनिवार को आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार राज्य के इतिहास की सबसे भ्रष्ट सरकार है और उगाही इसका ‘एकमात्र एजेंडा’ है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि एमवीए सरकार झूठ के सहारे सत्ता पर काबिज हुई है, साथ ही उन्होंने दावा किया कि भाजपा राज्य की नंबर एक पार्टी है। भाजपा नेता का यह बयान शिवसेना नेता के यहां वार्षिक दशहरा रैली में भाजपा के खिलाफ बयानबाजी करने के बाद आया है। फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ,‘‘ ठाकरे का भाषण उनकी हताशा दिखाती है। आप भाजपा की छवि खराब करने की कोशिश कर सकते है, लेकिन पार्टी का आधार मजबूत है। आप को याद रखना चाहिए कि भाजपा राज्य की नंबर एक पार्टी है।
उन्होंने कहा-आप कह रहे हैं कि जनता ने भाजपा को नकार दिया, लेकिन तथ्य यह है कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस को नकार दिया और आपको (शिवसेना) बढ़ावा दिया। हम जिन सीटों पर साथ मिलकर लड़े थे (2019 के विधानसभा चुनाव), उनमें से करीब 70 प्रतिशत सीटों पर भाजपा जीती थी और शिवसेना ने 45 प्रतिशत सीटें जीती थीं। इसलिए आप जनता के मतों के साथ धोखा करके सत्ता में आए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह बेइमानी से बनायी गई सरकार है और मुझे लगता है कि माननीय उद्धव जी को अब यह मान लेना चाहिए की उनकी महत्वाकांक्षा मुख्यमंत्री बनने की थी, जिसे उन्होंने पूरा कर लिया। राजनीति में महत्वाकांक्षी होना गलत नहीं है, लेकिन अगर आप बात के धनी होते तो आपने वरिष्ठ नेताओं दिवाकर राउत, सुभाष देसाई या एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया होता।’’
गौरतलब है कि अतीत में ठाकरे अनेकों बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने अपने पिता बाला साहेब ठाकरे से वादा किया था कि वह एक ‘‘शिव सैनिक’’ को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाएंगे। फडणवीस ने प्रश्न किया, ‘‘अगर आप वास्तव में मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, तो नारायण राणे को शिव सेना क्यों छोड़नी पड़ी? राणे पार्टी प्रमुख नहीं बनना चहते थे। इतना ही नहीं, राज ठाकरे को शिवसेना क्यों छोड़नी पड़ी।’’ उन्होंने कहा कि यह ठीक है कि आप मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा रखते थे, इसलिए कृप्या करके अब हम पर आरोप लगाने बंद कीजिए। ठाकरे ने शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र की जनता को और शिवसेना के कार्यकर्ताओं को ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल का उदाहरण देखना चाहिए जो भाजपा को खिलाफ एकजुट हुआ था।
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— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) October 16, 2021