महाराष्ट्र में सत्ता संघर्ष पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। 16 विधायकों की अयोग्यता का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है। कहा जाता रहा है कि इससे शिंदे सरकार को बड़ी राहत मिलेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है।
उन्होंने राजनीतिक संकट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर “पूर्ण संतोष” व्यक्त किया है। फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, ”मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पूर्ण संतुष्टि व्यक्त करता हूं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, “मैं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ फैसले पर विस्तार से टिप्पणी करूंगा।” विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग कल तक उछल रहे थे कि आज सरकार जाएगी उनके सारे मंसूबों पर पानी फिर गया है। आज उनको जवाब मिल चुका है। उनकी सारी नियत बदल चुकी है।
आगे उन्होंने कहा कि अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फिर गया। उद्धव ठाकरे दोबारा सीएम नहीं बन पाए। धनुष-बाण चुनाव चिन्ह भी शिंदे के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक है। देवेंद्र फणनवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जो शिंदे सरकार की पूरी सरकार पर सवाल खड़े किए, उसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत करार दिया। देवेंद्र फणनवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने जो शिंदे सरकार की पूरी सरकार पर सवाल खड़े किए, उसे सुप्रीम कोर्ट ने गलत करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका की भी आलोचना की। “बहुमत परीक्षण के लिए बुलाने के लिए राज्यपाल के सामने कोई वस्तुनिष्ठ स्थिति नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी पार्टी में आंतरिक गुटबाजी है, तो भी संविधान के प्रावधानों का मतलब यह नहीं है कि राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करना चाहिए।
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