धनंजय मुंडे: आक्रामक शिवसैनिकों ने धनंजय मुंडे के काफिले को रोका !
लातूर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर को लेकर प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए हैं|अपनी बीमार मां को परली से लातूर ले जा रहे धनंजय मुंडे के काफिले को शिवसैनिकों ने रोक दिया| इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बिना नारेबाजी और काले झंडे दिखाए सिर्फ बयान दिया| कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही मुंबई में बैठक कर निर्णय लेंगे|
Team News Danka
Updated: Mon 25th September 2023, 07:55 PM
लातूर में सोयाबीन रिसर्च सेंटर को लेकर प्रदर्शनकारी आक्रामक हो गए हैं|अपनी बीमार मां को परली से लातूर ले जा रहे धनंजय मुंडे के काफिले को शिवसैनिकों ने रोक दिया| इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बिना नारेबाजी और काले झंडे दिखाए सिर्फ बयान दिया| कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही मुंबई में बैठक कर निर्णय लेंगे|
लातूर में प्रस्तावित सोयाबीन अनुसंधान केंद्र और देवनी मवेशी संरक्षण केंद्र को बीड जिले में स्थित करने का निर्णय लिया गया। लातूर में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट कांग्रेस और कई अन्य संगठनों ने कैबिनेट बैठक में इस फैसले का विरोध किया| इस फैसले के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से कई तरह के आंदोलन और भूख हड़तालें चल रही हैं| इसके तहत धनंजय मुंडे को चेतावनी भी दी गई थी कि उन्हें घूमने की इजाजत नहीं दी जाएगी|
आज धनंजय मुंडे परली से लातूर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए| वह अपनी बीमार मां का इलाज कराने के लिए मुंबई जा रहे थे। जब उनका काफिला लातूर पहुंचा तो प्रदर्शनकारियों ने काफिले को रोक दिया| उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए, काले झंडे का प्रदर्शन या कोई नारेबाजी नहीं की गई। इस मौके पर धनंजय मुंडे की ओर एक बयान दिया गया| उन्होंने शिवसेना पदाधिकारियों से चर्चा कर जल्द ही मुंबई में बैठक करने और उस बैठक में उचित निर्णय लेने का वादा किया है|
लातूर में किसानों और पार्टी संगठनों ने प्रस्तावित सोयाबीन और देवनी मवेशी अनुसंधान केंद्र को लातूर जिले से बीड जिले में स्थानांतरित करने पर एक रुख अपनाया है। जिले की कई बाजार समितियों में भी बंद रखकर विरोध जताया गया| हमाल मथाडी संघ के जिला अध्यक्ष बालाजी जाधव शनिवार 23 सितंबर से लातूर में कृषि उपज बाजार समिति के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गये| उन्हें कई संगठनों और पार्टियों ने समर्थन दिया है| ऐसा लगता है कि यह आंदोलन भविष्य में व्यापक होगा| जाधव ने यह रुख अपनाया है कि जब तक डॉक्यूमेंट्री रिसर्च सेंटर का फैसला नहीं आ जाता, वह अपनी भूख हड़ताल वापस नहीं लेंगे|
देवनी मवेशी और सोयाबीन के लिए देश में मशहूर लातूर: हैरानी की बात है कि जिस सोयाबीन अनुसंधान केंद्र और देवनी लाल कंधारी मवेशी अनुसंधान केंद्र की चर्चा पिछले कई सालों से होती रही है, उसे लातूर की बजाय बिड़ला में स्थानांतरित कर दिया गया है|लातूर देवनी मवेशियों और सोयाबीन के लिए देश में प्रसिद्ध है। इस बीच लातूर की जगह बीड को प्राथमिकता दी गई है| इससे लातूर में कड़ी प्रतिक्रिया हुई|