तो मैनपुरी का उपचुनाव होगा दिलचस्प सपा ने डिंपल को बनाया उम्मीदवार 

बीजेपी अपर्णा यादव को  उतारने के फिराक में ?

तो मैनपुरी का उपचुनाव होगा दिलचस्प सपा ने डिंपल को बनाया उम्मीदवार 

आखिरकार मैनपुरी से अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल यादव को उतारने का निर्णय लिया है। कहा जा रहा है कि अखिलेश ने अपने विरासत को बांटना नहीं चाहते हैं। इसलिए कई नामों पर चर्चा करने के बाद डिंपल को यहां से उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। यहां पर 5 दिसंबर को चुनाव होने हैं। यह सीट मुलायम सिंह के निधन के बाद खाली हुई है। जिसके बाद से यह सवाल उठ रहे थे कि इस सीट से यादव परिवार का कौन सा व्यक्ति लड़ेगा। दो दिन पहले ही इस सीट को लेकर शिवपाल यादव और अखिलेश यादव में तकरार देखी गई। कहा जाता है कि  शिवपाल इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन अखिलेश यादव ने यह मौक़ा नहीं दिया।

जिससे नाराज होकर शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को निशाना बनाते हुए मंगलवार को कहा था कि जो परिवार का नहीं हो सकता। वह कभी भी सफल नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश यादव चापलूस लोगों से घिरे हुए हैं। जो उन्हें गलत सलाह दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी में समाजवादी लोग जो असली समाजवादी पार्टी है। बताया जा रहा  कि इस सीट पर कई दावेदारों  के बारे में चर्चा की गई लेकिन डिंपल यादव को इस सीट से  उतारकर यह जता दिया की पिता की विरासत उनके पास ही रहेगी। भाई , भतीजा अन्य को नहीं सौंपेंगे।

यह भी कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव काफी लंबे समय डिंपल यादव के लिए एक सुरक्षित सीट की तलाश में थे। जो अब जाकर पूरी हुई हैं। कन्नौज सीट से हारने के बाद अखिलेश यादव डिंपल को संसद भेजने का प्लान बनाया था। यानी डिंपल को राज्यसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी थी। लेकिन जयंत यादव को यह सीट दिए जाने के बाद एक बार फिर डिंपल संसद नहीं पहुंच  पाई। अब अखिलेश उन्हें  मैनपुरी सीट पर उपचुनाव में उम्मीदवार  बनाकर डिंपल को संसद भेजना चाहते हैं।

दूसरी ओर बीजेपी भी अखिलेश के प्लान को मात देने के लिए प्लान बना रही है। बताया जा रहा है कि मैनपुरी सीट से अपर्णा यादव को बीजेपी उतार सकती है। बता दें कि अपर्णा यादव  मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। अपर्णा यादव  बीजेपी की नेता हैं। अपर्णा एक एनजीओ चलाती हैं। बीजेपी अगर अपर्णा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाती है। तो यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो जाएगा। ऐसे में देखना होगा कि  शिवपाल यादव किसको समर्थन करते हैं।

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