कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जाने वाले डी. के शिवकुमार के खिलाफ आपराधिक मामले उनके लिए मुश्किल साबित हो सकते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शिवकुमार के खिलाफ 19 मामले दर्ज किए हैं। शिवकुमार ने पिछले कुछ महीनों में खुले तौर पर राज्य का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि, उनके खिलाफ आपराधिक मामले उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं में बाधा बन सकते हैं। शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग ने 19 मामले दर्ज किए हैं। आयकर विभाग ने 2017 में शिवकुमार के यहां छापा मारा था।
आयकर विभाग की कार्यवाही- जांच एजेंसियों के मुताबिक, नई दिल्ली में शिवकुमार से सीधे तौर पर जुड़े चार ठिकानों पर छापेमारी के दौरान 8.5 करोड़ रुपये जब्त किए गए। आयकर विभाग को नई दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में खरीदे गए तीन फ्लैट भी मिले, जो कथित तौर पर शिवकुमार से जुड़े थे। आयकर विभाग ने 429 करोड़ रुपये से अधिक के उनके बेहिसाब धन का पता लगाने का दावा किया था। आयकर विभाग ने इस मामले में नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के कथित करीबी सहयोगियों और कर्मचारियों के साथ शिवकुमार के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
ईडी विभाग की कार्यवाही- आयकर विभाग द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। ईडी ने 200 करोड़ रुपये की बेहिसाब धनराशि बरामद करने का दावा किया है, जिस पर कथित रूप से शिवकुमार का स्वामित्व है। जांच एजेंसी के मुताबिक, उनके पास 20 बैंकों में शिवकुमार के 317 खातों का ब्योरा है। एजेंसी ने कहा था कि इन खातों में 200 करोड़ रुपये से अधिक हैं। ईडी ने शिवकुमार की 800 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त करने का भी दावा किया है।
ईडी ने जब इस संबंध में शिवकुमार से पूछताछ की तो उन्होंने सहयोग नहीं किया। हालांकि, उन्होंने बेहिसाब धन मामले में चार गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। ईडी ने 100 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद 3 सितंबर, 2019 को शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। शिवकुमार नेशनल हेराल्ड मामले में भी जांच के दायरे में हैं, जिसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी की भी जांच एजेंसी ने की थी।
सीबीआई द्वारा जांच- ईडी और आयकर विभाग से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई ने 2020 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में शिवकुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कर्नाटक में नौ, दिल्ली में चार और मुंबई में एक सहित कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया। इससे पहले, तत्कालीन भाजपा सरकार ने शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति दी थी। हालांकि सीबीआई ने इस मामले में शिवकुमार से पूछताछ नहीं की है।
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