सबसे पहले बात करते हैं राजस्थान की। तो यहां 2018 में 99 सीट जीत कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। लेकिन यहां सत्ता के लिए कांग्रेस के दो नेता सचिन पायलट और अशोक गहलोत आपस में भिड़ गए थे। लेकिन सत्ता का स्वाद गहलोत ने चखा। कांग्रेस ने पायलट जैसे नौजवान नेता को दरकिनार कर गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। जो गांधी परिवार के वफादार माने जाते रहे हैं। दोनों नेताओं के बीच एक माह तक विवाद चला। उस समय भी कांग्रेस ने पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया था। जैसा की डीके को बनाया गया है। लेकिन पायलट इस फैसले से खुश नहीं थे। लेकिन, कांग्रेस ने राहुल गांधी, पायलट और गहलोत की एक साझा तस्वीर साझा की जिसमें तीनों नेता हंसते मुस्कराते हुए देखे जा सकते हैं। लेकिन आज पायलट गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए और आंदोलन कर रहे हैं।
इसी तरह, इसी साल छतीसगढ़ का भी यही हाल रहा। यहां भी कांग्रेस ने चुनाव में बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जबकि पार्टी में दो सीएम दावेदार सामने आये थे। एक भूपेश बघेल और दूसरे नेता टीएस सिंहदेव।दोनों नेता सीएम बनाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने केवल भूपेश बघेल को ही खुश कर पाई थी। उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस दौरान भी राहुल गांधी ने भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की हंसती मुस्कराती तस्वीर शेयर किया था ,लेकिन आज तक दोनों नेताओं में अदावत जारी है। कहा जाता है कि दिल्ली में यह तय हुआ था कि ढाई साल भूपेश बघेल सीएम रहेंगे और ढाई साल सिंहदेव रहेंगे। लेकिन इस पर कोई अमल नहीं हुआ। बघेल ने सिंहदेव को सत्ता नहीं सौंपी।
बात मध्य प्रदेश की करें तो यहां भी कांग्रेस ने 200 सीटों में से 100 सीटें जीती थी। मगर यहां भी मुख्यमंत्री पद के लिए दो नेता दावेदार सामने आये थे। एक ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ थे। कमलनाथ का गांधी परिवार का संबंध अच्छा होने की वजह से उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। कहा जाता है कि सिंधिया को भी उपमुख्यमंत्री का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। इस निर्णय के दौरान भी राहुल गांधी, सिंधिया और कमलनाथ की मुस्कराती तस्वीर सामने आई थी। लेकिन, कुछ समय बाद सिंधिया ने बगावत कर दिया था और सरकार गिर गई थी। अब सिंधिया बीजेपी केंद्रीय मंत्री हैं। हिमाचल प्रदेश में भी मुख्यमंत्री के दावेदार सामने आये। लंबे समय के बाद यहां भी मुख्यमंत्री घोषित किया गया था।
लोकसभा चुनाव के नाम पर CM चयन में सुरक्षात्मक क्यों हो जाती है कांग्रेस?
CID, ED और IT के निशाने पर डीके शिवकुमार, जानें इनसाइड स्टोरी!