क्या नाफेड की कीमत से प्याज की उत्पादन लागत निकलती है? विभिन्न गुटों का सवाल !
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकार अन्नदाताओं की भावनाओं को नहीं समझेगी तो कांग्रेस पार्टी किसानों को न्याय दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी| कीमत नहीं मिलने के कारण किसान अपनी उपज के साथ-साथ सब्जियों को भी सड़क पर फेंक रहे हैं।
Team News Danka
Updated: Wed 23rd August 2023, 04:43 PM
Does NAFED's price of Rs 2410 cover the cost of production of onions? Question of different groups!
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकार अन्नदाताओं की भावनाओं को नहीं समझेगी तो कांग्रेस पार्टी किसानों को न्याय दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी| कीमत नहीं मिलने के कारण किसान अपनी उपज के साथ-साथ सब्जियों को भी सड़क पर फेंक रहे हैं। किसानों की यह पीड़ा सरकार को सत्ता में बैठे लोगों को नजर नहीं आ रही है।
प्याज पर निर्यात शुल्क बढ़ने से कीमतों में गिरावट आई है और सरकार अब NAFED के माध्यम से 2,410 रुपये में केवल 2 लाख टन प्याज खरीदेगी। क्या इस कीमत में प्याज की उत्पादन लागत निकलती है? महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा सरकार अन्नदाताओं की भावनाओं को नहीं समझेगी तो कांग्रेस पार्टी किसानों को न्याय दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष करेगी|
पुणे जिले के चाकन में प्याज निर्यात शुल्क में बढ़ोतरी के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया गया| इस मौके पर विधायक रवींद्र धांगेकर, पुणे कांग्रेस अध्यक्ष अरविंद शिंदे समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे| इस मौके पर बोलते हुए नाना पटोले ने आगे कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्याज निर्यात शुल्क बढ़ाए जाने से किसानों में काफी गुस्सा है| उन सभी क्षेत्रों में बाजार और नीलामी बंद हैं, जहाँ प्याज उगाया जाता है। हर तरफ मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश शुरू हो गया है|
पिछले डेढ़ महीने में 1.8 लाख टन प्याज बाजार में आया है, नेफेड सिर्फ 2 लाख टन प्याज खरीदने जा रहा है, तो बाकी प्याज का क्या करेगा? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए| दरअसल, राज्य सरकार को प्याज की अच्छी कीमत पाने के लिए केंद्र से निर्यात शुल्क रद्द करना चाहिए था, लेकिन उनमें नरेंद्र मोदी के सामने बोलने की हिम्मत नहीं है| किसानों को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी सदैव हमारे साथ है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क खत्म नहीं हो जाता, तब तक लड़ाई जारी रहेगी|
नरेंद्र मोदी ने 2014 में यवतमाल में वादा किया था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करेगी और किसानों की कर्जमाफी की फाइल पर पहला हस्ताक्षर करेगी| सत्ता में आते ही मोदी ने अपने शब्द बदल दिए, सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू नहीं कर सकते और कृषि ऋण माफी को चुनावी हथकंडा बताकर किसानों को धोखा दिया। मोदी सरकार किसानों को देश छोड़ने पर मजबूर कर रही है, वे तीन काले कानून लाकर किसानों को गुलाम बनाना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सीमा पर आंदोलन में 700 किसान शहीद हो गए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों से मिलने का समय नहीं मिला।
किसानों को आंदोलन जीवी, खालिस्तानी कहकर अपमानित किया गया। कृषि मूल्यों को बढ़ने न देना मोदी सरकार की नीति है। किसान को परेशान करने और कृषि को मित्रों के गले उतारने की साजिश है। नाना पटोले ने यह भी कहा कि अन्नदाताओं की भावनाओं को न समझने वाली भाजपा सरकार, किसान विरोधी, अत्याचारी सरकार को घर भेजो, कांग्रेस पार्टी आपको न्याय देगी|