डोनाल्ड ट्रंप ने एक और भारतवंशी को दी बड़ी जिम्मेदारी,​’एनआईएच​’ में ​मिली​ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी!

कोविड -19 महामारी के दौरान जय भट्टाचार्य ने अमेरिका के स्वास्थ्य नीतियों की आलोचना की थी। इस कारण वह सुर्खियों में रहे। वहीं, भट्टाचार्य ने अक्तूबर 2020 में दो स्कॉलरों के साथ मिलकर 'ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन' प्रकाशित किया था।

डोनाल्ड ट्रंप ने एक और भारतवंशी को दी बड़ी जिम्मेदारी,​’एनआईएच​’ में ​मिली​ महत्वपूर्ण जिम्मेदारी!

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अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारतवंशी पर भरोसा जताते हुए उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है| ‘एनआईएच’ के डायरेक्टर के रूप में नॉमिनेट होने पर जय भट्टाचार्य ने खुशी जाहिर की है। वर्तमान में वह नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में शोध सहयोगी हैं। निर्वाचित राष्ट्रपति का भारतीय मूल के लोगों पर भरोसा लगातार बढ़ता जा रहा है। डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से एक भारतवंशी पर विश्वास जताया है। उन्होंने जय भट्टाचार्य को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच) के डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त किया है।

बता दें जय भट्टाचार्य का जन्म कोलकाता में हुआ था। वह एक बड़े अर्थशास्त्री हैं। उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से मेडिकल शिक्षा प्राप्त की है। अपनी जिम्मेदारी के दौरान वह करीब 47.3 अरब डॉलर के बजट की निगरानी करेंगे। अमेरिका ने इस बजट को मेडिकल रिसर्च पर खर्च करने के लिए रखा है।

नेशनल इस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के डायरेक्टर के रूप में नॉमिनेट होने पर जय भट्टाचार्य ने खुशी जाहिर की है। इस दौरान उन्होंने कहा, “अगले ‘एनआईएच’ के डायरेक्टर के तौर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मुझे नामांकित किए जाने से मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हम अमेरिकी वैज्ञानिक संस्थानों में सुधार करेंगे, एक बार फिर से अमेरिका को स्वस्थ बनाने के लिए बेहतरीन विज्ञान के परिणाम के रूप में तैनात करेंगे।”

गौरतलब है कि नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जय भट्टाचार्य के नॉमिनेशन का एलान करते हुए कहा कि मैं ‘एनआईएच’ के डायरेक्टर के रूप में सेवा करने के लिए जय भट्टाचार्य, एमडी, पीएचडी को नॉमिनेट कर रोमांचित हूं। वह देश के चिकित्सा अनुसंधान को निर्देशित करने और महत्वपूर्ण रिसर्च के लिए रॉबर्ट एफ.कैंनेडी जूनियर के साथ मिलकर काम करेंगे। जिससे हेल्थ सेक्टर में सुधार होगा और लोगों की सुरक्षा होगी।

कोविड -19 महामारी के दौरान जय भट्टाचार्य ने अमेरिका के स्वास्थ्य नीतियों की आलोचना की थी। इस कारण वह सुर्खियों में रहे। वहीं, भट्टाचार्य ने अक्तूबर 2020 में दो स्कॉलरों के साथ मिलकर ‘ग्रेट बैरिंगटन डिक्लेरेशन’ प्रकाशित किया था। इस रिसर्च में उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस जो लोग प्रभावित नहीं हैं उनको सामान्य जीवन की ओर लौटने दिया जाना चाहिए और संवेदनशील लोगों की रक्षा की जानी चाहिए।

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