शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि 2019 में महाराष्ट्र में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के कारण ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। राउत ने यह दावा अपनी पुस्तक ‘नरकातलं स्वर्ग’ (नरक में स्वर्ग) में किया है, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी और जेल में बिताए अनुभवों का विवरण दिया है।
राउत के अनुसार, उन्होंने 2019 में भाजपा को महाराष्ट्र में सरकार बनाने से रोका और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के “रक्षक दीवार” के रूप में कार्य किया। उनका कहना है कि इसी कारण उन्हें निशाना बनाया गया और ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक कथित मामले में गिरफ्तार किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित थी और उन्हें केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि भाजपा उन्हें एमवीए सरकार की स्थिरता के लिए खतरा मानती थी। राउत का दावा है कि भाजपा के नेताओं ने उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार नहीं किया और उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची।
गौरतलब है कि संजय राउत को 2022 में ईडी ने पात्रा चॉल भूमि घोटाले से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में मुंबई की एक विशेष अदालत ने उनकी गिरफ्तारी को “अवैध” करार देते हुए उन्हें जमानत दे दी थी। अदालत ने ईडी की कार्रवाई को “चयनात्मक” बताते हुए कहा था कि राउत की गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस आधार नहीं था।
राउत के इन दावों ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और अन्य राजनीतिक दल इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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