प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (शिखर बैंक) घोटाले की फिर से जांच करने जा रहा है। जांच दोबारा शुरू हुई तो अजित पवार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। शिखर बैंक घोटाला मामले की जांच बंद कर दी गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता अजीत पवार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है|
अब महाविकास अघाड़ी सरकार के जाने और शिंदे-फडणवीस सरकार आने के बाद इस मामले की जांच की मांग की जा रही है| मीडिया में चल रही कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी संभावना है कि इस मामले की जांच ईडी द्वारा भी की जाएगी| ईडी अजित पवार सहित 76 अन्य निदेशकों से फिर पूछताछ कर सकती है।
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने कहा था कि अजीत पवार और 76 अन्य के खिलाफ आगे की कार्रवाई के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। ऐसे में ईओडब्ल्यू ने रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी थी। हालांकि, ईओडब्ल्यू ने कहा कि मूल शिकायतकर्ता द्वारा दायर विरोध याचिका और ईडी की रिपोर्ट के आधार पर मामले की आगे की जांच शुरू की गई थी। अजित पवार ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए राजनीतिक संदर्भ दिया है, जबकि इस मामले में फिर से जांच शुरू हो रही है|
ईडी द्वारा शिखर बैंक घोटाले की जांच की संभावना के सवाल का अजीत पवार ने बहुत कम शब्दों में जवाब दिया। यह उनका अधिकार है। आखिर जो कोई भी शासक होता है वह निर्णय लेता है।
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