प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (10 मार्च) को छत्तीसगढ़ के भिलाई स्थित पदुम नगर इलाके में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के आवास पर छापा मारा। ईडी की चार इनोवा कारों में सवार टीमें चैतन्य बघेल के आवास पर पहुंचीं। रिपोर्टों के मुताबिक, यह एक बड़े अभियान का हिस्सा हो सकता है, जिसमें राज्यभर में 14 स्थानों पर छापेमारी की गई है। इनमें से कुछ स्थान चैतन्य बघेल से जुड़े बताए जा रहे हैं। अधिकारियों ने दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले की जांच से संबंधित है। भूपेश बघेल के कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर छापेमारी को लेकर पोस्ट में कहा, “सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।”
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यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने भूपेश बघेल या उनके करीबियों पर कार्रवाई की है। 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों से पहले भी ईडी ने रायपुर और दुर्ग जिलों में छापेमारी की थी। उस दौरान बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और दो विशेष कार्य अधिकारियों (OSD) के परिसरों की तलाशी ली गई थी। ईडी की इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, और कांग्रेस इसे केंद्र सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बता रही है।