उद्धव ठाकरे की खुली चुनौती: ‘तीर-धनुष चुराने वालों से कहना, हिम्मत है तो…​!​’

मैं इन चोरों को चुनौती देता हूं कि जिस धनुष-बाण को तुमने चुराया है उसी से चुनाव का सामना करो, फिर देखो जनता किसे चुनती है?” उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ गए गुट को खुली चुनौती दी है|

उद्धव ठाकरे की खुली चुनौती: ‘तीर-धनुष चुराने वालों से कहना, हिम्मत है तो…​!​’

Uddhav Thackeray's open challenge: 'Tell those who steal bows and arrows, if you have the courage...!'

चुनाव आयो​​ग ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट को शिवसेना नाम और पार्टी का धनुष चिन्ह दिया है। फैसला शुक्रवार शाम को आया। चुनाव आयोग के इस फैसले को ठाकरे गुट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है​| उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट में चलेंगे​| साथ ही किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि शिवसेना खत्म हो गई क्योंकि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह खत्म हो गया।

उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे की आलोचना करते हुए कहा कि महाशक्ति उन चोरों को प्रतिष्ठा दिलाने की कोशिश कर रही हैं जिन्होंने पहले मेरे पिता को चुराया लेकिन चोर तो चोर होता है​| ​ठाकरे ने आज उन्होंने मातोश्री के बाहर खड़े होकर भी एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है।
​“आज महाशिवरात्रि है, लेकिन हमारा शिव धनुष चोरी हो गया है। हम इन चोरों को सबक सिखाएंगे। आइए हम सब मिलकर इन चोरों को सबक सिखाएं। मैं इन चोरों को चुनौती देता हूं कि जिस धनुष-बाण को तुमने चुराया है उसी से चुनाव का सामना करो, फिर देखो जनता किसे चुनती है?” उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे और उनके साथ गए गुट को खुली चुनौती दी है|
​शिवसेना में सबसे बड़ा विभाजन जून 2022 में हुआ। एकनाथ शिंदे 40 विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी गए| राज्य का सबसे बड़ा राजनीति नाटक 21 जून से शुरू होकर 29 जून तक चला। एकनाथ शिंदे द्वारा किये गए विद्रोह ने महाराष्ट्र की राजनीति सोच की दिशा और दशा दोनों की बदल डाली। सरकार अल्पमत में आ गयी और महा विकास अघाड़ी सरकार में मुख्यमंत्री रहे उद्धव ठाकरे को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

राज्य के इन अहम घटनाक्रमों के बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी और धनुष-बाण के प्रतीक चिन्ह पर भी दावा किया था|​​ इसके बाद विवाद सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग तक गया। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और एकनाथ शिंदे के पक्ष में फैसला सुनाया। इससे ठाकरे गुट को तगड़ा झटका लगा है।

लेकिन उद्धव ठाकरे अब कार्यकर्ताओं को साथ लाने और नए सिरे से अपनी लड़ाई शुरू करने की तैयारी में हैं|​​ प्रेस कांफ्रेंस में भी उनकी आक्रामकता देखने को मिली|​​ इसी तरह आज उन्हें मातोश्री के बाहर देखा गया|​​ वहां जमा लोगों ने उद्धव ठाकरे के नाम से नारेबाजी भी की और कहा कि हम आपके साथ हैं|

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