दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि कर्नाटक की अलंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस समर्थकों के वोट व्यवस्थित तरीके से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 6,018 वोट हटाने का प्रयास किया गया और इसके लिए बाहरी सॉफ्टवेयर और फोन नंबरों का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार वोट चोरों और लोकतंत्र को नष्ट करने वाले लोगों को बचा रहे हैं।
चुनाव आयोग ने गुरुवार को इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने कहा कि प्रभावित मतदाता को बिना सुनवाई का अवसर दिए कोई भी वोट नहीं हटाया जा सकता। साथ ही यह भी दोहराया गया कि मतदाता सूची में किसी तरह का बदलाव केवल कानूनी और प्रशासनिक प्रक्रिया से ही संभव है।
हालांकि, आयोग ने यह स्वीकार किया कि अलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने के कुछ असफल प्रयास जरूर हुए थे। इस पर खुद चुनाव आयोग ने एफआईआर दर्ज कराई थी और जांच जारी है। आयोग ने कहा कि इस isolated घटना को पूरे चुनावी सिस्टम पर सवाल उठाने का आधार नहीं बनाया जा सकता।
आयोग ने अपील की कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर बेबुनियाद आरोप लगाने से जनता में भ्रम की स्थिति पैदा होती है। आयोग ने भरोसा दिलाया कि मतदाता सूची की पवित्रता और पारदर्शिता बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
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