भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सूची का आदान-प्रदान!
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने परमाणु सुविधाओं की एक सूची एक-दूसरे के साथ साझा की है।
Team News Danka
Published on: Thu 02nd January 2025, 02:23 PM
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने परमाणु सुविधाओं की एक सूची एक-दूसरे के साथ साझा की है। परमाणु सुविधाओं पर हमले रोकने के लिए दोनों देश पिछले तीन दशकों से यह सूची साझा करते आ रहे हैं|ऐसा समझौता दोनों देशों में हो चुका है| विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को राजनयिक चैनलों के जरिए परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा की. संधि द्वारा इन सुविधाओं और परमाणु सुविधाओं पर हमले निषिद्ध हैं। इस समझौते पर 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षर किये गये थे। यह समझौता 27 जनवरी 1991 से लागू है।
इस समझौते के तहत दोनों देशों के बीच हर साल कैलेंडर ईयर के पहले दिन यानी एक जनवरी को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक दूसरे के साथ जानकारी साझा करने का प्रावधान है| ये सूची राजनयिक माध्यमों से एक-दूसरे को सौंपी जाती है| सख्ती के साथ दोनों ही देश इस समझौते का पालन किया जाता है|
विश्वास बहाली का एक महत्वपूर्ण कदम: इस सूची का आदान-प्रदान कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों में गतिरोध के बीच हुआ है| यह दोनों देशों के बीच ऐसी सूचियों का लगातार 35वां आदान-प्रदान है, पहला आदान-प्रदान 1 जनवरी 1992 को हुआ था|
भारत और पाकिस्तान के बीच ये समझौता विश्वास बहाली का एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि दोनों देश एक-दूसरे के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं करेंगे| इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच परमाणु हथियारों और प्रतिष्ठानों के संभावित उपयोग से बचाव करना और क्षेत्रीय स्थिरता को को बनाए रखना था|
‘भारतीय मछुआरों को रिहा करें’: भारत ने बुधवार को पाकिस्तान में जेल की सजा काट रहे 183 भारतीय मछुआरों और नागरिकों की रिहाई का अनुरोध किया। साथ ही भारत ने अनुरोध किया है कि भारत के वकील को 18 नागरिकों और मछुआरों से मिलने की इजाजत दी जाए|
विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी| हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई को दोनों देश जेल में बंद नागरिकों की सूची साझा करते हैं| इस समझौते पर 2008 में हस्ताक्षर किये गये थे| भारत ने पाकिस्तान को 381 नागरिकों और 81 मछुआरों की सूची प्रदान की, जबकि पाकिस्तान ने 49 नागरिकों और 217 मछुआरों की सूची प्रदान की।