अपने को ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य कहने वाले अविमुक्तेश्वरानंद कुछ दिनों से सुर्खियों में बने हुए है। मुंबई के प्रसिद्ध उद्योगपती मुकेश अंबानी के पुत्र की शादी में शामिल होने से लेकर, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर तक उन्हें मीडिया में कई बार दिखाया गया है, इसी में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने उद्धव ठाकरे का समर्थन भी किया। इसी बीच केदारनाथ के मंदिर से सोना गायब होने की बात भी उन्होंने की थी।
अविमुक्तेश्वरानंद के बेरोकटोक आरोपों का जवाब देते हुए बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष ने उनका सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए बेतुके बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण बात भी कहा था। अविमुक्तेश्वरानंद के इस मीडिया बयानों पर अब अखिल भारतीय संत परिषद् के सचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने तंज कसा है। साथ ही अपने जारी किये वीडिओ में उन्होंने रामालय बांधने के लिए जमा किये सोने को अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा लुटे जाने का आरोप भी किया है।
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अविमुक्तेश्वरानंद ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भी मुहूर्त का विरोध किया है। जितेंद्रानंद ने कहा है की अविमुक्तेश्वरानंद ने मुकेश अंबानी के पुत्र के विवाह में जाना और केदारनाथ के धाम पर इस प्रकार से झूठा प्रचार करना हो यह दिखाता की यह व्यक्ति प्रसिद्धि का कितना भूखा है। इसे सनातन धर्म और संन्यास की मर्यादा भी नहीं पता। हम तो केदारनाथ के सोने के प्रकरण में इतना ही जानना चाहेंगे की रामालय न्यास के नाम पर जो एक-एक ग्राम सोना इकट्ठा किया गया स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को उस सोने का हिसाब देश को देना चाहिए। हिंदू समाज को रामालय के नाम पर सोना जरूर लुटा गया है उसको जानना चाहिए।
उद्धव ठाकरे को अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा दिए समर्थन पर जितेंद्रानंद ने सवाल किया है की, जिस उद्धव ठाकरे का आप समर्थन कर रहे उनके कार्यकाल में पालघर में साधुओं की पीट पीटकर हत्या की गई तब उन संतों के लिए जबान क्यों नहीं खुली ? बता दें की अविमुक्तेश्वरानंद के राजनीतिक बयान और आरोपों के बाद सोशल मीडिया में काफी बवाल मचा है। लोगों ने खुलकर अविमुक्तेश्वरानंद की आलोचना शुरू कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय के अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य बनने से रोक लगा दी थी इस बात को लोगों ने भी दोहराना शुरू कर दिया है, इसीलिए लोगों ने अविमुक्तेश्वरानंद के शंकराचार्य होने पर भी सवाल उठाए हैं।
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