28 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमधर्म संस्कृति"सम्मद शिखरस्थल को पर्यटन स्थल घोषित न किया जाए", राज ठाकरे की...

“सम्मद शिखरस्थल को पर्यटन स्थल घोषित न किया जाए”, राज ठाकरे की मांग !

इस फैसले का जैन समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस फैसले का देशभर में विरोध भी हो रहा है| इस बीच मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी इस संबंध में प्रतिक्रिया दी है और झारखंड सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है|

Google News Follow

Related

झारखंड सरकार ने झारखंड के गिरिहेड जिले में ‘सम्मद शिखरस्थल’ को पर्यटन स्थल घोषित करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस फैसले का जैन समुदाय द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस फैसले का देशभर में विरोध भी हो रहा है| इस बीच मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी इस संबंध में प्रतिक्रिया दी है और झारखंड सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है|उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्र सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने ट्वीट कर इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट की है. ‘सम्मद शिखरस्थल’ जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान है। इस धार्मिक स्थल को पर्यटन स्थल का दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि एक बार पर्यटन स्थल घोषित होने के बाद जैन भाइयों को लगता है कि जैन धर्म को अस्वीकार्य कई चीजें वहां हो सकती हैं।

इसलिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जैन भाइयों की मांग से पूरी तरह सहमत है और राज ठाकरे ने मांग की है कि झारखंड सरकार जैनियों की भावनाओं पर विचार करे और इस फैसले को तुरंत वापस ले|उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस संबंध में कोई निर्णय नहीं होता है तो केंद्र सरकार को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

फरवरी 2018 में, राज्य सरकार ने सिफारिश की थी कि झारखंड के गिरिहिद जिले में पारसनाथ पर्वत पर स्थित श्री सम्मद चोटी को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने 2019 में इस इलाके को पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील घोषित किया था। उसके बाद अब इस मंदिर को झारखंड सरकार ने पर्यटन स्थल घोषित कर दिया है।

टूरिस्ट स्पॉट घोषित होने के बाद यहां एक शराबी का वीडियो वायरल हो गया। जैन समुदाय का कहना है कि पर्यटन स्थल घोषित करने से उस स्थान की पवित्रता भंग होगी| जिन लोगों की जैन धर्म में रुचि नहीं है वे भी यहां आएंगे और मंदिर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। जैन समुदाय में इस बात का डर है कि मंदिर परिसर में मांस और शराब का सेवन किया जाएगा।
यह भी पढ़ें-

​”क्या जितेंद्र आव्हाड भूगोल भूल गए हैं?” ‘उस’ ट्वीट पर चंद्रशेखर बावनकुले का बवाल​ !

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,379फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें