शुक्रवार (13 सितंबर) को देशव्यापी हिंदी वृत्तवाहिनी आज तक ने अहमदाबाद स्थित हटकेश्वर ब्रिज को लेकर भ्रामक तरीके से खबर का प्रसारण किया, जिसके बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। वृत्तवाहिनी आज तक ने अपनी न्यूज रिपोर्ट दिखाया की, वर्ष 2017 में बने हटकेश्वर ब्रिज की कुल लागत 42 करोड़ थी, वहीं उसे तोड़ने के लिए अहमदाबाद नगर निगम 52 करोड़ खर्च कर रही है।
आज तक द्वारा इस खबर के बाद सोशल मिडिया पर सनसनी मची। इस खबर को आज तक पर इस तरह प्रदर्शित किया गया था मानों इस ब्रिज के काम में ठेकेदार अजय इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के साथ निगम अधिकारी भी भ्र्ष्टाचार में संलिप्त है। इस खबर के बाद विरोधियों को अच्छा खासा लीवरेज भी मिला, जिसका इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस सोशल मीडिया टीम और आईटी सेल ने भी इसके प्रचार में कोई कमी नहीं छोड़ी।
वहीं हटकेश्वर ब्रिज को तोडा जा रहा है लेकिन इसे तोडने और पुनर्निर्माण करने कुल लागत 51.7 करोड़ रुपए होगी, केवल ध्वस्तीकरण में 52 करोड़ का खर्च नहीं होगा। वर्ष 2017 में जिस अजय इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने इस ब्रिज को बनाया था, उसी कंपनी से यह लागत वसुली भी जाएगी। आज तक की खबर के बाद गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने आज तक के इस खबर को तथ्यरहीत बताते हुए तथ्य साझा किए।
हर्ष संघवी ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट से पोस्ट कर लिखा, “एक जिम्मेदार और अग्रणी समाचार चैनल के रूप में, आपको प्रकाशन से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए। तथ्य यह है: पुराने पुल को ध्वस्त करने और नए पुल के निर्माण की संयुक्त लागत Rs. 52 करोड़ है। नए पुल के निर्माण की राशि को पुराने पुल के ठेकेदार से वसूला जाएगा।”
एक जिम्मेदार और अग्रणी समाचार चैनल के रूप में, आपको प्रकाशन से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।
तथ्य यह है: पुराने पुल को ध्वस्त करने और नए पुल के निर्माण की संयुक्त लागत Rs. 52 करोड़ है।
नए पुल के निर्माण की राशि को पुराने पुल के ठेकेदार से वसूला जाएगा। https://t.co/voqHmpOB7t
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) September 13, 2024
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रिपोर्ट के अनुसार, आईआईटी रूड़की और एसवीएनआईटी सूरत के विशेषज्ञों ने पुष्टि कर बताया था की ब्रिज का बुनियादी ढांचे निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। जिसके बाद अहमदाबाद नगर निगम ने तुरंत अजय इंजीनियरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। साथ ही ब्रिज के ध्वस्तीकरण से पुनर्निर्माण की कुल कीमत भी इसी ठेकेदार से वसूली जाएगी।