Haryana Assembly Election:​ आयोग का बड़ा ​ऐलान​!,बदली चुनाव और मतगणना की तिथि!

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे| पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा| वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को हरियाणा राज्य के साथ ही की जाएगी|

Haryana Assembly Election:​ आयोग का बड़ा ​ऐलान​!,बदली चुनाव और मतगणना की तिथि!

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हरियाणा विधानसभा मतदान चुनाव की तारीख को आयोग द्वारा अब बदल दी गई है|चुनाव आयोग ने इससे पहले चुनाव की तिथि की घोषणा की थी, जिसमें मतदान 1 अक्टूबर को और मतगणना 4 अक्टूबर को होनी थी। लेकिन अब यह 5 अक्टूबर को मतदान और 8 अक्टूबर को मतगणना होने की घोषणा चुनाव आयोग ने की है इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी|
बिश्नोई समुदाय के उत्सव का फैसला: बिश्नोई समुदाय ने 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान पर आपत्ति जताई थी|संगठन अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा, बीकानेर के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चुनाव आयोग से तारीख बदलने की मांग की|2 अक्टूबर बिश्नोई समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है।
​इसके लिए हजारों बिश्नोई परिवार राजस्थान में अपने पैतृक गांवों में रहते हैं। यह त्यौहार सैकड़ों वर्षों से समुदाय द्वारा मनाया जा रहा है। इससे बिश्नोई समुदाय को वोट देने के अधिकार से वंचित होने की संभावना है। इस मांग के बाद चुनाव आयोग ने तारीखों में बदलाव की घोषणा की है|
चुनाव आयोग ने जारी बयान में कहा, हम मतदाताओं के वोट देने के अधिकार को सुरक्षित रखने और सदियों पुरानी परंपरा का सम्मान करने के लिए चुनाव स्थगित कर रहे हैं। यह परंपरा बिश्नोई समुदाय के गुरु जम्भेश्वर की याद में 300 वर्षों से समुदाय द्वारा विकसित की जा रही है। इस बीच जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे| पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा| वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को हरियाणा राज्य के साथ ही की जाएगी|
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे| हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को हरियाणा में अपेक्षित सीट नहीं मिली थी| वर्ष 2019 में उन्हें हरियाणा में 10 सीटें मिलीं| इस बार वे केवल पांच सीटें जीतने में सफल रहे। हरियाणा में बिश्नोई समुदाय की अच्छी खासी संख्या है| हालांकि बिश्नोई समुदाय की जड़ें पड़ोसी राज्य राजस्थान में हैं, लेकिन कई लोग पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा में भी बस गए हैं। इसलिए इस समाज वोट बैंक पर सभी दलों की नजर है|
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