कौन है अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल जो अडानी ग्रुप की लड़ेगी क़ानूनी लड़ाई      

एलन मस्क और ट्विटर की डील कराने में  निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका       

कौन है अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल जो अडानी ग्रुप की लड़ेगी क़ानूनी लड़ाई      

अब अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग से आरपार की लड़ाई के मूड नजर आ रहा है। खबर है कि अडानी ग्रुप ने अमेरिका की सबसे महंगी और कई विवादित केसों के लड़ने में माहिर अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल  को हायर किया है। बता दें कि हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कई तरह के आरोप लगाये थे। जिसकी वजह से अडानी के शेयरों में भारी गिरावट की वजह से उन्हें बड़ा नुकसान हुआ है। इस मामले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। वहीं हिंडनबर्ग के आरोप के बाद अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट को बकवास बताया था। कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। अब अडानी ग्रुप अब इस मामले निर्णायक लड़ाई की ओर रुख कर दिए है। ऐसे सवाल यह है कि जो फर्म अडानी की वकालत करेगी वह कौन है ?उसका क्या काम है ? आइये जानते हैं उसके बारे में।

गौतम अडानी के समधी :बताया जा रहा है कि इस मामले को कानूनी लड़ाई के लिए गौतम अडानी के समधी की कंपनी सिरिल अमरचंद मंगलचंद फर्म ने अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल सम्पर्क किया है। बता दें कि सिरिल श्रॉफ सिरिल अमरचंद मंगलचंद फर्म के मालिक हैं जो गौतम अडानी के समधी हैं। बताया जाता है कि अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल विवादित केसों के लिए जानी जाती है। हाल ही में एलन मस्क और ट्विटर विवाद में भी इस कंपनी की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

 ट्विटर एलन मस्क डील: बताया जाता है कि जब एलन मस्क ने ट्विटर से 44 अरब करोड़ की डील तोड़ी थी तो  ट्विटर इस फर्म को कानूनी लड़ाई के लिए हायर किया था। फर्म ने डेलावेयर कोर्ट में एलन मस्क को इस डील को पूरा करने पर मजबूर कर दिया था। कहा जाता है कि अमेरिकी लॉ फर्म वाचटेल अगर केस लड़ने के लिए अपने हुनर में मशहूर है। उसी तरह इस फर्म को हायर करने वाले को मोटी रकम देनी होती है। यानी यह फर्म दुनिया की सबसे महंगी लॉ फर्म है।
1995 में कंपनी की स्थापना: जानकारी के अनुसार इस कंपनी की स्थापना 1995 की वॉचटेल लिप्टन नाम से किया गया था। शुरू में वकीलों के छोटे से ग्रुप ने अपने ग्राहकों सेवा देते थे,लेकिन बाद में धीरे धीरे वकीलों की संख्या बढ़ती गई और फर्म कई क्षेत्रों के केस लेकर लड़ती है। यह फर्म अमेरिका समेत दुनिया भर में विवादित केसों को निपटाने के लिए जानी जाती है। बता दें कि हिंडनबर्ग द्वारा जारी रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने उसके जवाब भी दिए थे।  ग्रुप ने यह भी कहा था कि उसके ऊपर लगाए  गए आरोप निराधार और बेबुनियाद हैं।
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