हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने दावा किया है कि अजमेर दरगाह स्थल पर शिव मंदिर था। विष्णु गुप्ता ने इसको लेकर कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। गुप्ता के संगठन की वेबसाइट के अनुसार उनका उद्देश्य लव जिहाद, इस्लामी चरमपंथ का विरोध करना है। वे शरिया कानून के भी विरोधी हैं। वे भारत और सनातन धर्म की संप्रभुता के खिलाफ काम करने वाले लोगों के विरोधी हैं।
गत दिनों गुप्ता की याचिका पर अजमेर की कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और अजमेर दरगाह समिति को नोटिस जारी किया था। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।
बता दें कि विद्यार्थी जीवन से वे शिवसेना की युवा शाखा से जुड़े थे। 2008 में उन्होंने बजरंग दल ज्वाइन किया। 2011 में गुप्ता ने कुछ लोगों के साथ मिलकर हिंदू सेना का गठन किया था। गुप्ता दावा करते हैं कि उनके संगठन के साथ लाखों लोग जुड़े हैं। उनका संगठन शिवसेना, संघ या किसी अन्य दल से जुड़ाव नहीं रखता।
तत्कालीन आप नेता प्रशांत भूषण ने कहा था कि हिंदू सेना को कश्मीर में तैनात करने को लेकर जनमत संग्रह करवाया जाए। फरवरी 2014 में हिंदू सेना ने स्वामी असीमानंद पर रिपोर्ट जारी होने के बाद कारवां पत्रिका के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था। असीमानंद पर अजमेर दरगाह, 2007 के समझौता एक्सप्रेस बम विस्फोटों के आरोप थे। वे जेल में थे, बाद में उनको बरी किया गया था।
हिंदू सेना के खिलाफ जनवरी 2014 में गंभीर आरोप लगा था। गाजियाबाद के कौशांबी में आम आदमी पार्टी के कार्यालय में तोड़फोड़ हुई थी। आरोप है कि हिंदू सेना के लोग उसमें शामिल थे। जनवरी 2016 में गुप्ता पर नई दिल्ली में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के आरोप लगे थे।
2016 में उन्होंने राजनाथ सिंह की पाकिस्तान यात्रा का विरोध किया था। मई 2019 में गुप्ता ने एक्टर कमल हासन के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी। मामला नाथूराम गोडसे से जुड़ा था। इसके अलावा उनके खिलाफ कई विवाद सामने आ चुके हैं।
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