NCP-शिवसेना और कांग्रेस का पाखंड उजागर: माधव भंडारी

NCP-शिवसेना और कांग्रेस का पाखंड उजागर: माधव भंडारी

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मुंबई। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती किमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए केंद्र सरकार डीजल-पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस-राकांपा ने इसका विरोध किया। राज्य सरकारे खुद पेट्रोल-डीजल की कीमतों कम नहीं होने देना चाहती। इससे कांग्रेस-राकांपा का असली चेहरा सामने आ गया है। यह बात विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कही।

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस-राकांपा जनता के साथ बेईमानी कर रहे हैं। इसलिए हम इनके खिलाफ आंदोलन करेंगे। दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी में शामिल करके कीमतों को कम करने का विरोध कर राज्य सरकार ने दिखाया है कि वे आम आदमी के खिलाफ हैं। एक तरफ पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन और दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के विरोध ने एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के पाखंड को उजागर किया है।

भंडारी ने कहा कि एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के नेता पेट्रोल, गैस और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अब कीमतों में बढ़ोतरी को कम करने के लिए पेट्रोल, डीजल और गैस को जीएसटी में शामिल करने के प्रस्ताव के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने ऐलान किया है कि महाराष्ट्र सरकार इस प्रस्ताव का विरोध करेगी। जबकि किसी अन्य राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं की है। महाराष्ट्र सरकार भी जीएसटी काउंसिल में चर्चा के लिए इंतजार कर सकती थी। लेकिन ऐसा किए बिना अपने विरोध की घोषणा करना शुद्ध सार्वजनिक विरोध का एक रूप है।

तो सस्ता हो सकता है 24 रुपए पेट्रोल

अगर पेट्रोल, डीजल और गैस को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो मुंबई में 110 रुपये वाले पेट्रोल को कम से कम 25 रुपये से 30 रुपये तक कम किया जा सकता है। यही पैटर्न पूरे महाराष्ट्र में बदलाव लाने वाला है। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र की सरकार में ऐसा कर आम आदमी को राहत देने की मानसिकता नहीं है। महाराष्ट्र में, गठबंधन सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर वैट, स्थानीय निकाय कर और उपकर जैसे विभिन्न कर लगाकर लोगों का शोषण किया जा रहा है।

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