राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार रात एक तीखी टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, “मैं किसान का बेटा हूं और इस देश का किसान किसी से नहीं डरता।”
यह टिप्पणी उस समय आई जब सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन पर चर्चा को अगली बैठक में टालने का सुझाव दिया। यह मुद्दा तब उठा जब देर रात लगभग ढाई बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में मणिपुर पर लगाए गए राष्ट्रपति शासन से संबंधित संवैधानिक संकल्प को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया।
खड़गे की ओर से की गई एक टिप्पणी को सभापति धनखड़ ने तुरंत सदन की कार्यवाही से हटवा दिया। अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, “भारत का किसान और किसान का बेटा किसी भी परिस्थिति में नहीं डरता।”
इसके बाद खड़गे ने संवैधानिक संकल्प पर चर्चा की शुरुआत की। लेकिन कुछ ही देर में, जब वे बोल ही रहे थे, सभापति धनखड़ आसन से उठकर जाने लगे और उनकी जगह उपसभापति हरिवंश ने कार्यवाही की बागडोर संभाली। इस पर खड़गे ने मुस्कराते हुए कहा, “सर, अगर आप चले गए तो हमारा पूरा जोश चला जाएगा।”
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