पड़ोसियों पर धौंस जमाते तो अरबों डॉलर की मदद नहीं दी जाती- एस जयशंकर

भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने और बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव के साथ व्यापार, निवेश और यात्रा में तेज बढ़ोतरी देखी गई है|

पड़ोसियों पर धौंस जमाते तो अरबों डॉलर की मदद नहीं दी जाती- एस जयशंकर

If we had bullied our neighbours, billions of dollars of help would not have been provided - S Jaishankar

नई दिल्ली में पुस्तक विमोचन के एक कार्यक्रम में विदेश एस जयशंकर ने भाग लिया|इस अवसर पर उन्होंने एक सवाल का जबाव देते हुए कहा कि संकट से गुजर रहे पड़ोसियों पर धौंस जमाने वाला अरबों रुपये की अमेरिकी डॉलर का सहायता प्रदान नहीं करता हैं|वही, भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाने और बेहतर बनाने के लिए किए गए कार्यों को रेखांकित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि नेपाल, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और मालदीव के साथ व्यापार, निवेश और यात्रा में तेज बढ़ोतरी देखी गई है|

बता दें कि नई दिल्ली के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के तहत एस जयशंकर ने कहा वैश्विकस्तर इस हिस्सों बहुत बड़ा बदलाव है, जिसमें भारत और पड़ोसियों के बीच संबंधों को सुधारने में निरंतर प्रयासरत है|वही भारत एक ‘बिग बुली’ की भूमिका पर विदेशी मंत्री ने कहा कि भारत कभी भी अपने पड़ोसियों पर धौंस ज़माने का रखा था और नहीं ऐसी कोई उसकी मंशा है|

गौरतलब है जब विश्व कोविड महामारी की त्रासदी को झेल रहा था वही दूसरी ओर भारत अपने पड़ोसियों को मुफ्त में अन्य देशों को वैक्सीन सप्लाई कर रहा था| विदेश मंत्री ने कहा, यदि भारत धौंस जमाने की मानसिकता रखता तो वैक्सीन सप्लाई नहीं करते हैं या भोजन, ईंधन या उर्वरक की मांग का जवाब देने के लिए अपने स्वयं के नियमों में विवाद नहीं बनाते हैं क्योंकि दुनिया के किसी अन्य हिस्से में हुए किसी युद्ध ने उनके जीवन को जटिल बना दिया है|

विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस वक्तव्य का वीडियो सोशल मीडिया जमकर वायरल हो रहा है| विदेश मंत्री ने कहा निश्चित रूप से बांग्लादेश और नेपाल के साथ ऊर्जा, सड़क और रेल यातायात आदि सुविधाओं से कोसों दूर दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब भारतीय व्यवसाय नेशनल ट्रीटमेंट के आधार पर बांग्लादेश के बंदरगाहों का उपयोग करते हैं|

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